अब दिल्ली में निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए सख्त नियम, मानकों की संख्या 27 से घटाकर हुई 12
दिल्ली में अब निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए सेंसर और विंड बैरियर जैसे नए उपाय किए जाएंगे। डीपीसीसी ने मानकों की संख्या 27 से घटाकर 12 कर दी है। डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है और निर्माण स्थलों को धूल नियंत्रण के उपायों का पालन करना होगा। नए नियमों का उद्देश्य धूल प्रदूषण को कम करना और निर्माण कार्यों को सुगम बनाना है।

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इन मानकों का करना होगा पालन
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निर्माण स्थल पर लो कास्ट पीएम 2.5 और पीएम 10 सेंसर लगाकर उन्हें डीपीसीसी पोर्टल पर क्लाउड स्टोरेज प्लेटफार्म पर लाइव डेशबोर्ड के साथ जोड़ना होगा। -
रिमोट कनेक्टिविटी के साथ निर्माण स्थल पर वीडियो कैमरा लगाकर पोर्टल से जोड़ना होगा। -
स्वयं की ओर से धूल नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की जानकारी देनी होगी। -
अधिकतम 10 मीटर ऊंचाई वाले विंड बैरियर या ब्रेकर लगाने होंगे। -
निर्माण स्थल के आकार के अनुपात में एंटी स्माग गन तैनात करनी होंगी। यह भी बताना होगा। -
निर्माण स्थल को साइडों से ग्रीन नेट से ढका गया है या नहीं। -
मलबे या निर्माण सामग्री को तिरपाल से ढका जा रहा है या नहीं। -
मलबे को रिसाइकिल करने के लिए किसी अधिकृत रिसाइकलर को भेजा जा रहा है या नहीं। -
रेत या मिट्टी पर पानी का छिड़काव हो रहा है या नहीं। -
निर्माण सामग्री लाने वाले वाहन ढककर चल रहे हैं या नहीं। -
ऐसे वाहनों को निर्माण स्थलों से निकलने से पहले अच्छी तरह से धोया जा रहा है या नहीं। -
निर्माण सामग्री को ग्राइंड करने के लिए वेट जेट का प्रयोग किया जा रहा है या नहीं।
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