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    दिल्ली में हर रोज 12 गाड़ियां हो रहीं गायब, वाहन चोरी में 52 फीसदी उछाल; पुलिस ने लोगों से की अपील

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 08:59 AM (IST)

    दिल्ली में इस साल वाहन चोरी के मामलों में 52% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 24 जुलाई तक 2529 कारें चोरी हुईं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1662 था। हर दिन औसतन 12 गाड़ियां चोरी हो रही हैं। चोरी होने वाले वाहनों में कारें जीपें ट्रक एंबुलेंस और बसें शामिल हैं। पुलिस निगरानी बढ़ा रही है और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही है।

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    Delhi Police: दिल्ली में वाहन चोरी का आतंक, पुलिस की बढ़ी चिंता। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में इस वर्ष वाहन चोरी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इस वर्ष 24 जुलाई के बीच 2,529 कार चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,662 मामले सामने आए थे।

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    यह बढ़ोतरी 52 प्रतिशत से भी अधिक है, जिससे पता चलता है कि राजधानी में हर दिर औसत 12 गाड़ियां चोरी हुई हैं। यह आंकड़े जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) के माध्यम से सामने आए हैं, जो नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा विकसित एक केंद्रीकृत डेटाबेस है।

    जिपनेट के आंकड़ों के अनुसार, चोरी होने वाले वाहनों में केवल कारें ही नहीं थीं, बल्कि 105 जीप, 58 छोटे ट्रक, लारी और मल्टी-पर्पज वाहन भी शामिल थे। इतना ही नहीं, दो एंबुलेंस भी एक साउथ दिल्ली के कोटला मुबारकपुर से और दूसरी जनकपुरी मेट्रो स्टेशन से चोरी हुई थीं।

    इसके अलावा, तिमारपुर और सीमापुरी इलाकों से दो बसें भी चोरी हुईं और शहर के अलग-अलग हिस्सों से सात साइकिलें गायब होने की रिपोर्ट दर्ज की गई।

    वाहन चोरी की ये घटनाएं न सिर्फ रिहायशी इलाकों में हुईं, बल्कि पेट्रोल पंप, स्कूल, बाजार और पार्क जैसे सार्वजनिक स्थलों पर भी दर्ज की गईं।

    रोहिणी के सेक्टर 3, 7 और 24, पश्चिम विहार और अशोक विहार (उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली), डिफेंस कालोनी, ग्रेटर कैलाश (दक्षिणी दिल्ली), प्रीत विहार, मालवीय नगर और जनकपुरी जैसे इलाकों से भी कई मामले सामने आए हैं।

    दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों और इंपाउंड यार्ड्स में इस समय 40,270 से अधिक वाहन जब्त या बिना दावे के पड़े हुए हैं, जिनकी कानूनी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाई जा रही है और रिकवरी रेट सुधारने के प्रयास चल रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि चोर अक्सर वाहन मालिकों की पार्किंग आदतों का अध्ययन करते हैं। कई बार लोग गाड़ियां मेट्रो पिलर या एटीएम के पास लंबे समय तक खड़ी छोड़ देते हैं। एक घटना में, एक बैंक कर्मचारी ने सुबह नौ बजे गाड़ी पार्क की और शाम छह बजे लौटा, लेकिन तब तक वाहन गायब हो चुका था।

    उन्होंने बताया कि चोरों का ध्यान एसयूवी जैसे वाहनों पर ज्यादा रहता है क्योंकि उनकी रीसेल वैल्यू अधिक होती है। पुलिस अब ऐसे पैटर्न्स की निगरानी कर रही है और जिपनेट की मदद से चोरी गए वाहनों का पता लगाने में जुटी है।