ईसीसी खत्म होने के बाद चालक उलझे नए नियमों में, कहीं दिखी ट्रैफिक जाम में राहत तो कहीं लगी गाड़ियों की कतार
दिल्ली में एमसीडी के टोल नाकों पर जाम कम करने के लिए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) की वसूली पर छूट खत्म कर दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर कुछ हद तक जाम से राहत मिली लेकिन गाजीपुर और कालिंदी कुंज पर पहले की तरह ही जाम रहा। चालकों को नए नियम की जानकारी न होने और आरएफआइडी रिचार्ज में दिक्कत के कारण भी जाम लगा।

जागरण टीम, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में एमसीडी के टोल नाकों पर प्रवेश के दौरान लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) की वसूली पर छूट खत्म कर दी गई। मगर इसका असर मिला-जुला रहा। दिल्ली में प्रवेश के लिए 156 टोल नाके हैं। करीब 85 प्रतिशत यातायात 13 प्रमुख टोल नाकों से ही आता है। इन 13 में से प्रमुख सिंघु बार्डर, गाजीपुर, गाजीपुर ओल्ड और कालिंदी कुंज टोल नाके की दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार रात को पड़ताल की। कुछ टोल नाको पर जाम से मुक्ति नजर आई। लेकिन कुछ पर पहले की तरह ही जाम लगा रहा। इसकी प्रमुख वजह टोल नाको से वाहनों का प्रवेश करने में अव्यवस्था का होना था। इसके साथ एक कारण यह था कि मालवाहक चालकों को फैसले की जानकारी नहीं थी। इसकी वजह से वह टोलकर्मियों से उलझ रहे थे।
कालिंदी कुंज पर लगा जाम, समय : 11:15 बजे
कालिंदी कुंज टोल नाके पर टोल कर्मी व्यावसायिक वाहन चालकों को बताते हुए नजर आए कि जो जरूरी वस्तुएं लाने वाले मालवाहक वाहनों पर ईसीसी की छूट अब खत्म हो गई है। ऐसे में उन्हें अब यह शुल्क देना पड़ेगा। इसके लिए एमसीडी के आरएफआइडी टैग को उसी अनुसार रिचार्ज कराना है। ताकि आगे से टोल से प्रवेश में दिक्कत न हो। हालांकि टोल नाके पर कई वाहन बिना जांच के गुजरे। यहां पर चालकों द्वारा ट्रकों को आड़े-तिरछे खड़े किए जाने और थोड़ी ही दूरी पर लाल बत्ती होने के कारण जाम की स्थिति बनी रही। एक तरह से यहां ईसीसी खत्म होने से वाहनों की जांच का प्रविधान तो खत्म हो गया लेकिन जाम की समस्या खत्म नहीं हुई।
सिंघु बार्डर बिना रोक-टोक गुजरे वाहन, रात 11:00 बजे
सिंघु बार्डर टोल नाके पर हिमाचल से लेकर पंजाब और चंडीगढ़ से वाहन आते हैं। यहां पर व्यावासायिक वाहन आसानी से निकलते रहे। किसी भी तरह की कोई वाहनों की जांच नहीं की गई। अधिकतर चालकों को नए नियम के बारे में पता था और जिन वाहन चालकों को नहीं पता था वहां उन्हें टोल कर्मी बता भी रहे थे। व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूलने के लिए किसी भी तरह की जांच नहीं की गई। अन्य दिनों के मुकाबले अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
गाजीपुर में आधे घंटे रहा जाम, दोपहर 11:00
गाजीपुर एमसीडी टोल नाके पर उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी मात्रा में सब्जी, दूध, फल जैसी जरूरी वस्तुएं आती हैं। यहां पर वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण जाम लग गई। आरएफआइडी मैनुअल तरीके से रिचार्ज कराने के कारण ट्रक खड़े हुए नजर आए जिसकी वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, आधे घंटे बाद स्थिति सामान्य हो गई। ऐसी ही स्थिति गाजीपुर ओल्ड टोल नाके पर दिखाई दी। यहां पर पुलिस बेरिकेडिंग के कारण जाम लगा हुआ दिखाई दिया तो वहीं टोल नाके पर भी वाहनों के दबाव के कारण जाम की स्थिति कुछ समय के लिए दिखाई दी।
टोल पर अब तक क्या-क्या कब हुआ?
- 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों पर ईसीसी लगाया गया, हालांकि जरूरी वस्तुओं के साथ आने वाले डीजल के वाहनों को छूट दी गई
- 23 अक्टूबर 2018 को जाम से राहत देने के लिए 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी टैग से युक्त किया गया
- 1 जुलाई 2019 से आठ टोल नाकों पर आरएफआइडी से वाहनों का प्रवेश अनिवार्य किया गया
- 15 अगस्त 2019 से 13 टोल नाकों को आरएफआइडी से वाहनों का प्रवेश अनिवार्य किया गया
- 15 अगस्त 2019 से 13 टोल नाकों पर आरफआइडी से प्रवेश लागू नहीं हो पाया तो इसे 23 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया
- 1 सितंबर 2019 को आरएफआइडी का पंजीकरण कराने के लिए वेबसाइट जारी की गई
- 2020 में लाकडाउन के चलते निगम टोल पर ज्यादा काम नहीं कर पाया, लेकिन सभी टोल नाकों को आरएफआइडी से लैस कर दिया। इसमें 111 टोल नाकों पर हैंड हेल्ड डिवाइस उपलब्ध कराए गए
- 2020 में लाॅकडाउन हटने के बाद निगम ने आंतरिक स्तर पर कई बार टोल नाकों पर टैग से प्रवेश को अनिवार्य करने की कोशिश की
- 1 जनवरी 2021 से फिर एक बार 13 टोल नाकों पर टैग से प्रवेश को अनिवार्य किया गया, लेकिन यह लागू नहीं हो पाया
- 30 जून 2021 को 124 टोल नाकों पर टैग से प्रवेश को अनिवार्य किया गया, लेकिन जाम लग जाने की वजह से व्यवस्था लागू नहीं हो पाई
- 1 अक्टूबर 2025 को एमसीडी ने टोल नाको पर डीजल के मालवाहक वाहनों पर ईसीसी की छूट को खत्म कर दिया
रिपोर्ट : निहाल सिंह, आशीष गुप्ता, शमसे आलम और फोटो जर्नलिस्ट विपिन शर्मा
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