निर्माण स्थलों पर नहीं होंगे धूल ही धूल, DPCC ने लागू किए सख्त नियम; देनी होगी रिपोर्ट
दिल्ली में निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 27 मानकों को घटाकर 12 कर दिया है। अब सेंसर विंड बैरियर एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों को डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और हर पखवाड़े अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। अब निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए सेंसर और विंड बैरियर या ब्रेकर का भी इस्तेमाल किया जाएगा। एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर भी लगाए जाएँगे। खास बात यह है कि इसके लिए 27 मानकों को घटाकर 12 कर दिया गया है।
दरअसल, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए पहले से तय 27 मानकों में बदलाव किया है। ऐसे मानक जो एक जैसे थे, अव्यावहारिक थे और निर्माण परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में बाधा डालते थे, उन्हें हटा दिया गया है। सभी नए मानक तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गए हैं।
डीपीसीसी अधिकारियों ने बताया कि चूँकि धूल प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 कण भी बड़ी मात्रा में मौजूद होते हैं, इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देश पर डीपीसीसी ने एक डस्ट पोर्टल शुरू किया था। 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी निर्माण स्थलों के लिए इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। उनके लिए धूल नियंत्रण के 27 मानक तय किए गए थे और हर पखवाड़े उनकी अनुपालन रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य किया गया था।
लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद, जब डीपीसीसी के अधिकारियों ने हाल ही में इन मानकों की समीक्षा की, तो आधे से ज़्यादा मानक बेमानी पाए गए। अधिकारियों के अनुसार, मानकों का मतलब सही मायने में धूल पर नियंत्रण होना चाहिए, न कि बिल्डरों को परेशान करना। इसीलिए अब केवल ज़रूरी और व्यावहारिक मानक ही रखे गए हैं, बाकी को हटा दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, निर्माण स्थल संचालकों को हर पखवाड़े इन सभी मानकों के अनुपालन का प्रमाण देते हुए एक रिपोर्ट भी देनी होगी।
इन मानकों का पालन करना होगा
1. निर्माण स्थल पर कम लागत वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 सेंसर लगाकर, उन्हें डीपीसीसी पोर्टल पर क्लाउड स्टोरेज प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव डैशबोर्ड से जोड़ना होगा।
2. निर्माण स्थल पर रिमोट कनेक्टिविटी वाला वीडियो कैमरा लगाकर, उसे पोर्टल से जोड़ना होगा।
3. धूल नियंत्रण के लिए स्वयं द्वारा किए गए उपायों की जानकारी देनी होगी।
4. अधिकतम 10 मीटर ऊँचे वायु अवरोधक या ब्रेकर लगाने होंगे।
5. निर्माण स्थल के आकार के अनुसार एंटी-स्मॉग गन लगानी होंगी।
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