दिल्ली में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी, 257 सरकारी स्कूलों में शुरू हुई कौशल आधारित शिक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत दिल्ली के 257 सरकारी स्कूलों में कौशल आधारित शिक्षा शुरू होगी। अब 800 से अधिक स्कूलों में नौवीं-दसवीं के छात्रों के लिए यह अनिवार्य है। उद्देश्य उच्च शिक्षा के साथ रोजगारपरक बनाना है। सरकार ने शिक्षा के लिए 19291 करोड़ का बजट दिया है जिससे स्मार्ट क्लासरूम और कौशल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नए विषयों में योग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उद्यमिता शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शिक्षा निदेशालय ने एक और बड़ा कदम उठाया है। निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में दिल्ली के 257 अतिरिक्त सरकारी स्कूलों में कौशल आधारित शिक्षा शुरू करने का फैसला लिया है।
इसके साथ ही अब राजधानी के 800 से अधिक सरकारी स्कूलों में कम से कम एक कौशल आधारित विषय पढ़ाया जाएगा। यह विषय नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इस पहल का मकसद विद्यार्थियों को न सिर्फ उच्च शिक्षा के लिए तैयार करना है, बल्कि उन्हें रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाना भी है। बदलते समय और तकनीकी विकास को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में कई नवाचार किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए शिक्षा क्षेत्र में 19,291 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस बजट से स्मार्ट क्लासरूम, नई इमारतें और कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने वाली योजनाएं लागू की जाएंगी।
मानसिक स्वास्थ्य से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक
नई कौशल आधारित शिक्षा में छात्रों को साइंस ऑफ लिविंग नामक विषय के माध्यम से योग, ध्यान और बुजुर्गों की देखभाल जैसे जीवन कौशल सिखाए जाएंगे। इससे छात्रों में मानसिक सशक्तीकरण और करुणा की भावना विकसित होगी।
तकनीकी युग को देखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को भी स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है, ताकि छात्र डेटा साइंस, ऑटोमेशन और कंप्यूटर साइंस जैसे क्षेत्रों से परिचित हो सकें।
फाउंडेशन छात्रों में व्यावसायिक सोच विकसित करेगा
दिल्ली सरकार ने एक नया विषय NEEV (न्यू एरा ऑफ एंटरप्रेन्योरियल इकोसिस्टम एंड विजन) भी शुरू किया है, जिसमें छात्रों को उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता और व्यवसाय नियोजन से जुड़ी बुनियादी जानकारी दी जाएगी।
राष्ट्रनीति से सीखेंगे लोकतंत्र और शासन के सिद्धांत
छात्रों में नागरिक जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रनीति नामक विषय शुरू किया गया है, जिसमें भारतीय लोकतंत्र, शासन और नीति निर्माण से जुड़ी अवधारणाएं पढ़ाई जाएंगी।
वोकेशनल स्ट्रीम में मिलेगा इंडस्ट्री का अनुभव
स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग (एसओएल) के जरिए नौवीं कक्षा से फैशन स्टडीज, मेक्ट्रोनिक्स और फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे विषय भी पढ़ाए जाएंगे। इससे छात्रों को उद्योगों से जुड़ा व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।
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