दिल्ली में बड़े इवेंट करना होगा आसान, डिजिटल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की होगी शुरुआत
दिल्ली सरकार राजधानी को ग्लोबल इवेंट हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए मंत्री कपिल मिश्रा ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ बैठक की जिसमें डिजिटल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया ताकि आयोजकों को आसानी से अनुमतियां मिल सकें। डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक स्थलों पर आयोजनों की अनुमति सरल करने पर भी विचार हुआ।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली अब केवल सत्ता का केंद्र ही नहीं बल्कि रचनात्मकता का नया माइलस्टोन बनने की राह पर अग्रसर है। कला, संस्कृति, फिल्म, संगीत, फैशन डिजाइनिंग, साहित्य इत्यादि में नवाचार के हर आयाम को सशक्त मंच देने के साथ ही लाइव इवेंट्स, मनोरंजन और डेस्टिनेशन वेडिंग के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ‘ग्लोबल इवेंट हब’ की अवधारणा को साकार रूप देने में जुटी है।
इसी क्रम में सोमवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यटन, कला, संस्कृति और भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने विभागीय अधिकारियों के साथ ही ‘इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों’ के दिग्गजों के साथ एक उच्चस्तरीय राउंड टेबल बैठक की।
स्मारक परिसर में इस तरह के इवेंट में मिलेगी अनुमति
इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के आधार एक सांस्कृतिक और संभावनाओं से भरा हुआ नीतिगत ढांचा तैयार करना था, जिसमें राजधानी दिल्ली को एक ‘ग्लोबल इवेंट हब’ के रूप में मजबूती से स्थापित की जा सके।
बैठक में दिल्ली में इवेंट इंडस्ट्री को और अधिक सशक्त व संगठित करने के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें डिजिटल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की शुरुआत का प्रस्ताव रखा गया जिससे आयोजकों को सभी प्रकार की अनुमतियां और लाइसेंस एक ही डिजिटल मंच पर शीघ्रता से प्राप्त हो सकें। इस पर मंत्री ने कहा कि डिजिटल सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की जल्द शुरुआत होगी।
साथ ही मल्टी-प्लेटफार्म स्पान्सरशिप मॉडल, रणनीतिक पूंजी सब्सिडी कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय और विपणन (मार्केटिंग) सहयोग जैसे कदमों पर भी चर्चा हुई। राउंड टेबल बैठक में एक और अहम सुझाव पर भी चर्चा हुई जिसमें डेस्टिनेशन वेडिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी छूट संबंधी नीतियों पर पर भी विचार हो।
बैठक में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थलों पर आयोजनों के लिए अनुमति देने की व्यवस्था सरल करने की भी मांग उठी। इसके साथ ही दिल्ली में वेन्यू रेंट अत्यधिक होने की भी बात सामने आई।
मंत्री मिश्रा ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार इस उद्योग को हर स्तर पर सहयोग देगी और इवेंट के लिए स्थान आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जल्द ही नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितनी भी अन्य नीतिगत समस्याएं हैं, उसके लिए मैं व्यक्तिगत स्तर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगा. हमारे पास 70 से 80 ऐसे स्मारक हैं जिनको आयोजन करने के उद्देश्य से प्रयोग में लाया जा सकता है।
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