दिल्ली के 94 फ्लाईओवरों के नीचे शुरू होगी ये योजना, पहले भी हुई कोशिश; इस बार मिलेगी सफलता?
दिल्ली सरकार 94 फ्लाईओवरों के नीचे खाली जगहों को विकसित करने की योजना बना रही है। PWD ने इसके लिए टेंडर जारी किए हैं जिसका मकसद इन जगहों को व्यावसायिक गतिविधियों और सार्वजनिक सुविधाओं जैसे क्लीनिक चार्जिंग स्टेशन खेल के मैदान में बदलना है। पहले भी ऐसी योजनाएं विफल रहीं क्योंकि रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया था।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की फ्लाईओवर के नीचे खाली एरिया को विकसित करने की पूर्व की योजना फ्लाप हो चुकी है , मगर अब विभाग ने राजधानी में 94 फ्लाईओवर के नीचे के खाली स्थानों के बेहतर उपयोग की दृष्टि से डिजाइन तैयार करने के लिए तैयारी शुरू की है।
इसके लिए विभाग ने टेंडर निकाले हैं। इन स्थानों पर विभाग की व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की है योजना। अब ऐसे में सवाल उठता है कि कि यह योजना सफल होेगी भी कि नहीं, ऐसे में जरूरी है कि विभाग पूर्व की योजना में रही खामियों पर गौर करे और नई योजना में वे खामियां नहीं रहें इस पर फैसला ले, तभी इस योजना के सफल होने की बात मजबूत हो सकेगी।
दिल्ली की भाजपा सरकार की योजना की बात करें तो पीडब्ल्यूडी 94 फ्लाईओवर के नीचे खाली जमीन को कार्यात्मक क्षेत्रों यानी ऐसे कार्यों के लिए उपयोग करने पर विचार कर रहा है, जिन कार्यों से विभाग काे आर्थिक मजबूती मिल सके।
विभाग के अनुसार इस पहल का उद्देश्य अक्सर अतिक्रमणग्रस्त, अव्यवस्थित और उपेक्षित इन क्षेत्रों को सफल कार्यात्मक क्षेत्रों में बदलना है जो जनता की ज़रूरतों को पूरा करें। एक अधिकारी ने कहा कि फ्लाईओवर के नीचे उपलब्ध जगह के आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा कि किस प्रकार की सार्वजनिक सुविधाएं यहां स्थापित की जाएंगी।
सभी चिन्हित फ्लाईओवरों का सर्वेक्षण करने के लिए टेंडर जारी किया गया है। टेंडर में कहा गया है कि कंपनी को स्थान की स्थितियों का अध्ययन करना होगा और विकसित किए जा सकने वाले बुनियादी ढांचे के प्रकार के चित्र के साथ परियोजना रिपोर्ट तैयार करनी होगी। साथ ही, परियोजना के लिए एक राजस्व माडल भी तैयार करना होगा, क्योंकि यह सुविधा पीपीपी माडल पर विकसित की जाएगी।
योजना के अनुसार सार्वजनिक सुविधाओं में एक प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिक, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, खेल के मैदान, कार्यालय और यहां तक कि पुस्तकालय भी बनाए जा सकते हैं। जगह उपलब्ध होने पर कारों की धुलाई के लिए कार गैराज भी बनाने की योजना है।
इन फ्लाईओवरों के नीचे लगभग 80,000 वर्ग मीटर जगह की पहचान की गई है और परियोजना रिपोर्ट नौ महीनों में प्रस्तुत की जानी है। पहचाने गए सबसे प्रमुख फ्लाईओवर में अफ्रीका एवेन्यू, चिराग दिल्ली, आइआइटी, मोती बाग, पंजाबी बाग, रानी झांसी, शाहदरा, वज़ीराबाद, सराय काले खां आदि के नाम शामिल हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की पहल की योजना बनाई गई है। 2022 में पीडब्ल्यूडी ने अपनी स्ट्रीटस्केपिंग परियोजना के तहत एक प्रयोग किया था, जहां आइटीओ के पास पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित रिंग रोड के नीचे आइपी एस्टेट प्लाईओवर के नीचे हरियाली विकसित की गई थी, लोगाें के बैठने के लिए महंगे पत्थर के बेंच बनाए गए थे, मगर अब यहां हरियाली गायब है।
यहां इतनी गंदगी रहती है कि कोई नहीं बैठता है। वहीं दक्षिणी दिल्ली में लाजपत नगर फ्लाईओवर के नीचे लोगों को खेलने का अवसर प्रदान करने के लिए उस जगह पर पूर्ण विकसित बैडमिंटन और स्क्वैश कोर्ट के साथ एक खेल सुविधा स्थापित की जानी थी। लेकिन अब यह सब बदहाल है। पीडब्ल्यूडी के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार कहते हैं कि पूर्व की योजना इसलिए फ्लाप हुई कि सुविधाओं के रखरखाव के लिए कोई बजट नहीं रखा गया था।
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