दिल्ली के गांवों को भवन उपनियम से बाहर और हाउस टैक्स से मुक्त करने की मांग, भेदभाव का लगाया आरोप
दिल्ली पंचायत संघ ने मांग की है कि दिल्ली के गांवों में विकास के साथ ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाए। संघ ने गांवों को भवन उपनियमों से मुक्त करने और टैक्सों की समीक्षा करने की भी मांग की है। पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली के गांव स्वामित्व योजना से वंचित हैं।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। दिल्ली पंचायत संघ ने कहा कि दिल्ली के गांवों में विकास के साथ ग्रामीणों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक दिया जाए। दिल्ली के गांवों को भवन उपनियम से मुक्त किया जाए और गांवों पर लगाए गए सभी टैक्सों की समीक्षा की जाए। संघ ने इस संबंध में दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार से तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की है।
पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि देशभर में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को संपत्ति के अधिकार दिए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के गांव आज भी इस अधिकार से वंचित हैं। लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा क्षेत्र की आबादी आज भी अपनी ही जमीन पर मालिकाना हक से वंचित है, जिसके चलते गांवों का समुचित विकास बाधित हो गया।
संघ प्रमुख ने कहा कि ग्रामीणों पर संपत्ति कर सहित कई तरह के टैक्स लगाए गए हैं, लेकिन जमीन के मलिक होते हुए भी मालिकाना हक नहीं मिल रहा है। “सरकार टैक्स वसूल रही है, लेकिन हक देने पर चुप्पी। कई दशकों से दिल्ली का देहात, गांव, ग्रामीण, किसान दोयम दर्जे का व्यवहार झेलता रहा है।
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