फ्लाईओवरों से गुजरने वाले वाहनों का शोर दूर करने की तैयारी, 300 करोड़ रुपये खर्च करेगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार फ्लाईओवर से गुजरने वाले वाहनों के शोर को कम करने के लिए 13 से अधिक फ्लाईओवरों पर साउंड बैरियर लगाएगी। इस परियोजना पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सबसे पहले मूलचंद फ्लाईओवर पर यह व्यवस्था की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार प्रयासरत है क्योंकि कई फ्लाईओवर आबादी वाले क्षेत्रों से गुजरते हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार फ्लाईओवरों से गुजरने वाले वाहनों का शोर दूर करने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए लोेक निर्माण विभाग से कहा है।इसके लिए विभाग यहां 13 से अधिक फ्लाईओवरों पर नए तरीके के ध्वनि अवरोधक ( साउंड बैरियर) लगवाएगा।
इस योजना पर 300 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च आने का अनुमान है। विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। जिसके तहत सबसे पहले मूलचंद फ्लाईओवर यह व्यवस्था होने जा रही है। विभाग ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है। इस फ्लाईओवर पर ध्वनि अवरोधक के साथ साथ रेलिंग, सेंट्रल वर्ज आदि का काम भी किया जाएगा, इस कार्य पर करीब 75 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
ध्वनि अवरोधकों को चोरों से कैसे बचाया जाए, इसका समाधान नहीं निकल सका है। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ध्वनि अवरोधक में लगाई जाने वाली शीट चोरों के किसी काम की नहीं है, मगर लोेहे के फ्रेम के कारण वे इसे तोड़ लेते हैं। उन्होेंने कहा कि विभाग अपनी संपत्तियाें की निगरानी करता है, इसे और बढ़ाया जाएगा।
बता दें कि सरकार की योजना पूरी होने पर फ्लाइओवरों से गुजरने वाले वाहनों का शोर आसपास के लोगों को कम सुनाई देगा। दिल्ली में कई ऐसे फ्लाइओवर हैं जो आबादी के पास से गुजरते हैं। कहीं इनके दोनों ओर आबादी है तो कहीं इनके एक ओर आबादी है। कई जगह आबादी बसने के बाद फ्लाइओवर बनाए गए हैं तो कई जगह फ्लाईओवर बनने के बाद उनके आसपास आबादी बस गई है।
लोेक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ माह में इस योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।इसके लिए आइआइटी दिल्ली और तकनीकी विशेषज्ञों से राय ली गई है। उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल सामान्य तरह के ही ध्वनि अवरोधक लगाने की योजना है। क्योंकि नए तरह के ध्वनि अवरोधक लगाए जाने पर भी विचार चल रहा था, मगर उसमें एल्युमिनियम का काम बहुत अधिक है, वे कई गुना महंगे बनेंगे और दूसरा उन्हें सड़काें पर चाेरों से बचा पाना कठिन होगा, उन्होंने कहा कि सामान्य तरह के ध्वनि अवरोधक अच्छा काम कर रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइंस के मुताबिक शहर में 12 से 13 गुना ज्यादा शोर है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि रिहायशी इलाकों में दिन में 55 डेसिबल(ए) और रात में 45 डेसिबल(ए) तक शोर होना चाहिए। लेकिन शहर में फ्लाईओवरों के आसपास 75 से 83 डेसिबल के बीच ध्वनि प्रदूषण दर्ज हो रहा है। दिल्ली में 102 फ्लाईओवरों में से 50 फ्लाईओवर तो ऐसे हैं जहां पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा दर्ज किया गया है।
इन फ्लाईओवरों पर अधिक रहता है ध्वनि प्रदूषण
- मूलचंद फ्लाईओवर
- लाजपतनगर फ्लाईओवर
- जनक सेतु फ्लाईओवर
- आरटीआर फ्लाईओवर
- नारायणा फ्लाईओवर
- यमुना विहार गोकुलपुरी फ्लाईओवर
- अशोक नगर फ्लाईओवर
- नत्थू कालोनी फ्लाईओवर
- बारापुला एलिवेटेड कारिडाेर
- सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर
- नारायणा फ्लाईओवर
- मुनीरिका फ्लाईओवर
- आइआइटी दिल्ली फ्लाईओवर
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