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    'Minto Bridge जैसा चाहिए समाधान', राजधानी में कहां कितने घंटे रहा जलभराव; रिपोर्ट में पढ़िए सबकुछ

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 10:42 AM (IST)

    पिछले साल मिंटो ब्रिज और ओल्ड राजेंद्र नगर में जलभराव की समस्या थी लेकिन इस बार स्थिति बेहतर है। पीडब्ल्यूडी और एमसीडी ने जलनिकासी व्यवस्था में सुधार किया है। हालांकि मंगलवार की बारिश में कई अन्य स्थानों पर जलभराव हुआ जिससे लोगों को परेशानी हुई। किशनगंज जखीरा आइटीओ और कनॉट प्लेस जैसे इलाकों में अभी भी जलभराव की समस्या बनी हुई है।

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    दिल्ली में जलभराव को मिंटो ब्रिज व ओल्ड राजेंद्र नगर जैसा समाधान चाहिए। जागरण

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। पिछले साल वर्षा के दौरान मिंटो ब्रिज और ओल्ड राजेंद्र नगर जलभराव के लिए सुर्खियों में रहते थे। लेकिन इस बार इनकी चर्चा जलभराव न होने को लेकर है। चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है कि वर्षा के बीच जलभराव और जाम से ऐसी मुक्ति कई स्थानों को नहीं मिल पाई है।

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    वहीं, मंगलवार को हुई वर्षा के बीच जलभराव के कारण न केवल लोग जाम में घंटों फंसे रहे बल्कि कई जगहों पर वाहन खराब होने से लोगों को परेशानी हुई। कई दुकानों में पानी घुसने से लोगों को नुकसान हुआ। लोगों का कहना है कि मिंटो ब्रिज और ओल्ड राजेंद्र नगर में इंतजाम हो सकते हैं तो अन्य स्थानों पर क्यों नहीं हुए।

    ये किए गए थे उपाय 

    विशेषज्ञों के मुताबिक, मिंटो ब्रिज में एकत्रित होने वाले पानी के जलनिकासी की व्यवस्था ड्रेन नंबर 12 में थी, जिसमें कॉलोनी का भी पानी आता था। इसकी वजह पीछे से पानी का बहाव ज्यादा होने पर मिंटो ब्रिज से निकासी नहीं हो पाती थी। साथ ही पंपिंग स्टेशन भी मिंटो ब्रिज अंडरपास के पास ही थी। जलभराव की स्थिति में पंपिंग स्टेशन में ही पानी भर जाता था।

    इस समस्या को देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने सबसे पहले वर्षा में डूबने के कारण बंद होने वाले पंपिग स्टेशन की ऊंचाई बढ़ाई। साथ ही जल निकासी ज्यादा तेजी से हो, इसके लिए यहां पर पंपिंग स्टेशन की क्षमता को भी बढ़ाया। डीडीयू मार्ग पर एक अलग से जल निकासी की ड्रेन बनाई गई।

    डीडीयू मार्ग और तिलक मार्ग रेलवे लाइन के साथ चलने वाले नाले से इस पानी को निकाल दिया जाता है। इससे यहां फिलहाल जलभराव नहीं हो रहा है। जबकि यह जलभराव का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट था। ऐसी ही व्यवस्था एमसीडी ने ओल्ड राजेंद्र नगर में की है।

    बताया गया कि यहां बड़ा बाजार रोड पर जलभराव होने से पिछले साल एक कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में डूबने से तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी, वहां पर एमसीडी ने नए सिरे से सड़क के दोनों तरफ नाली बनाने के साथ ही वहां पर बड़ी क्षमता की पंप लगा दी है। इससे वहां पर इस वर्ष अभी तक जलभराव नहीं हुआ है।

    इन प्रमुख स्थानों जलभराव पर चाहिए सुधार

    स्थान: किशनगंज रेलवे अंडरपास

    जलभराव का कारण: आवाजाही के चार लेन हैं। लेकिन तीन ही चालू हैं। विवाद के कारण एक लेन चालू नहीं हो पाई है। यहां पर मिट्टी पड़ी है। वर्षा होने पर मिट्टी बहकर पुल के नीचे आ जाती है। लेन के नीचे सीवर लाइन है जिससे वर्षा के दौरान पानी निकलने लगता है।

    कितनी देर रहा जलभराव : करीब पांच घंटे

    जिम्मेदार एजेंसी : एमसीडी

    स्थान: जखीरा रेल अंडर ब्रिज

    जलभराव का कारण : रेलवे कालोनी से पानी बहकर यहीं आकर इकट्ठा होता है। एकदम पानी यहां आने से जलभराव हो जाता है, जिसकी निकासी नहीं हो पाती है

    कितनी देर रहा जलभराव:करीब पांच घंटे

    जिम्मेदार एजेंसी : पीडब्ल्यूडी

    स्थान: आइटीओ विकास मार्ग

    जलभराव का कारण: विकास मार्ग का यह हिस्सा नीचा है। रामचरण अग्रवाल चौक से बहता हुआ पानी आइटीओ बस स्टैंड के पास आकर इकट्ठा हो जाता है। जल निकासी की सही व्यवस्था न होने और निचले इलाके से पपिंग न हो पाने की वजह से यहां जलभराव हो जाता है।

    कितनी देर रहा जलभराव :करीब एक घंटा

    जिम्मेदार एजेंसी : पीडब्ल्यूडी

    स्थान: कनाट प्लेस आउटर सर्किल काका द ढाबे के पास

    जलभराव का कारण : पीडब्ल्यूडी के ड्रेन नंबर 13 में पानी की निकासी होती है। उसके ओवरफ्लो होने और तेज वर्षा के कारण यहां जलभराव होता है।

    कितनी देर रहा जलभराव: करीब तीन घंटे

    अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि मिंटो ब्रिज और ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थायी समाधान हो गया है। दिल्ली में सितंबर में भी वर्षा होती है। हालांकि अगर, ऐसा काम करने से जलभराव की समस्या का समाधान हो सकता है तो फिर मिंटो ब्रिज और ओल्ड राजेंद्र नगर ही क्यों, सभी स्थानों पर जलभराव से निपटने के इंतजाम किए जाने चाहिए। - जगदीश ममगांई, पूर्व चेयरमैन, निर्माण समिति, एमसीडी