MCD में पहली बार एक क्लिक से छात्रों के खाते में पहुंचे 109 करोड़ रुपये, छह लाख स्टूडेंट्स होंगे लाभान्वित
दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में अब छात्रों को वर्दी और स्टेशनरी का पैसा सीधे डीबीटी के माध्यम से मिलेगा। महापौर राजा इकबाल सिंह ने 109 करोड़ रुपये की राशि छह लाख से अधिक छात्रों के खातों में भेजी। इस अवसर पर अधिकारियों ने शिक्षा के महत्व और शिक्षकों के योगदान पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त एमसीडी ने पेंशन अदालत में 234 पेंशन मामलों का निपटारा भी किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाली वर्दी और स्टेशनरी की सहायता राशि में अब कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। एमसीडी अब एक क्लिक से यह राशि मुख्यालय से ही जारी कर दिया करेगी।
इसकी शुरुआत बृहस्पतिवार से हुई। जहां एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वाले छह लाख से अधिक विद्यार्थियों के खाते में 109 करोड़ की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रासंफर) के जरिये भेजे गए। एमसीडी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में महापौर राजा इकबाल सिंह ने बटन दबाकर यह राशि खाते में भेजी।
इस अवसर पर दिल्ली के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के विद्यालयों में सुविधाएं निजी विद्यालयों के समकक्ष हैं। हमारे पास शिक्षक निजी विद्यालयों से बेहतरीन हैं।
महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम किसी अच्छे कार्य में 10 रुपये लगाते हैं तो भगवान उसका 10 गुना फल देते हुए 100 रुपये हमें वापस देता है। इसी प्रकार हमारे बच्चे भी भगवान का रूप हैं और जिस दिन आप बच्चों में भगवान का रूप देखोगे तो आपका एवं आपके परिवार का कायाकल्प हो जाएगा।
इस मौके पर स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेश वर्मा ने कहा कि उन्होंने कहा कि यह सारा कार्य पीएम मोदी के विजन के अनुरूप हुआ है जिसमें हमने पेपरलेस कार्य करते हुए पैसा बिना किसी बिचौलिए के सीधा लाभार्थी के खाते में भेजना है। एक छात्र को वर्दी और स्टेशनरी के लिए 1750 देने का प्रविधान है।
निगमायुक्त अश्वनी कुमार नेकहा कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान है,इससे बड़ा कोई दान हो नहीं सकता। उन्होंने कहा कि शिक्षक जो कर सकता है वो कोई नहीं कर सकता। बच्चों के भाग्य की कुंजी शिक्षकों के हाथ में होती है जो बच्चों को कहां से कहां पहुंचा देती है।
उन्होंने कहा कि हम जिस पद पर हैं और जो भी कार्य कर रहे हैं उसका सारा श्रेय शिक्षकों को जाता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्राथमिक शिक्षक जो नींव डालते हैं उसका कोई मुकाबला नहीं है,उस समय छात्र का चरित्र निर्माण होता है और उनमें हिम्मत आती है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में ऐसे भी मामले एमसीडी में सामने आए हैं जब बच्चों की छात्रवृत्ति का पैसा शिक्षकों ने अपने खाते में स्थानांतरित कर लिया था। इस पर एमसीडी ने कार्रवाई करते हुए इन शिक्षकों को निलंबित कर दिया था।
पेंशन अदालत में 234 मामलों का किया गया निपटारा
एमसीडी ने सेवानिवृत्त निगम कर्मियों के लंबित पेंशन के मामलों के निपटान के लिए पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। निगम के सभी 12 जोन में आयोजित इस पेंशन अदालत में 234 मामलों का निपटान किया गया।
महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा दो दिवसीय पेंशन अदालत सेवानिवृत कर्मचारियों,मृत कर्मचारियों के आश्रितों एवं नोशनल इंक्रीमेंट के मामले मिलाकर कुल 234 मामलों को निपटाया है। साथ ही मौके पर ही पेंशन पेमेंट आर्डर जारी किए गए।
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