दुबई में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, कोर्ट ने घोषित किया था भगोड़ा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी जाकिर दाउद खान को गिरफ्तार किया है। उस पर 2022 में धोखाध ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिराेह के मास्टर माइंड जाकिर दाउद खान को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। 2022 में आर्थिक अपराध शाखा ने दर्ज केस में आरोपित वांछित था। पिछले साल कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
80 पीड़ितों ने आर्थिक अपराध शाखा में लाखों रुपये धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। गिरोह में शामिल कई आरोपिताें को पुलिस पहले गिरफ्तार कर चुकी है। मास्टरमाइंड फरार था जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस की तरफ से 50 हजार रुपये का इनाम था।
अमान्य एयर टिकट प्रदान कर उनका पासपोर्ट अपने पास रख लिया
डीसीपी अमित कौशिक के मुताबिक जाकिर दाउद खान, अजमेर नगर, मस्जिद जवाल, भिवंडी, ठाणे, महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह लगातार गिरफ्तारी से बच रहा था इसलिए अदालत ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रख दिया था। सितंबर 2022 में धर्मेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत कर बताया कि जनकपुरी स्थित मेसर्स फिजा प्लेसमेंट ने दुबई में नौकरी की पेशकश कर उनसे 90 हजार रुपये की धोखाधड़ी की। जाली यूएई वीजा, अमान्य एयर टिकट प्रदान कर उनका पासपोर्ट अपने पास रख लिया।
ईओडब्ल्यू में दर्ज 80 से अधिक समान शिकायतों के कारण 15 दिसंबर 2022 को ईओडब्ल्यू में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। जांच में फिजा प्लेसमेंट और मेसर्स एशियाटस कंसल्टिंग द्वारा फर्जीवाड़ा करने का पता चला। जांच के बाद 16 दिसंबर 2022 को आरोपित अरशद, राम अनमोल ठाकुर, गुलबहार अली और श्रुति को गिरफ्तार कर लिया गया।
मोहम्मद सद्दाम और मोहम्मद तसलीम को भी गिरफ्तार किया गया
इनकी निशानदेही पर 59 जाली वीजा और 364 पासपोर्ट, एक पिस्टल और 2.55 लाख रुपये बरामद किए गए। बाद में आरोपित मोहम्मद सद्दाम और मोहम्मद तसलीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्य आरोपित जाकिर दाउद खान को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई।
क्राइम ब्रांच को कुछ समय पहले सूचना मिली कि जाकिर दाउद खान महाराष्ट्र के पडघा क्षेत्र में कहीं रह रहा है। उक्त क्षेत्र के एक बैंक खाते में हाल की गतिविधि से इस जानकारी की पुष्टि हुई। जिसके बाद पुलिस की एक टीम को महाराष्ट्र भेजा गया। वहां कुछ दिनों तक जांच के बाद जाकिर काे गिरफ्तार कर लिया गया।
एजेंट उसे धोखा देकर फरार हो गया
2015 में जाकिर ने विदेश में नौकरी पाने के लिए अपने गांव में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और मुंबई में एक एजेंट से संपर्क किया। पैसे देकर उसने एजेंट को दुबई के वीजा के लिए अपना पासपोर्ट उसे सौंप दिया। एजेंट उसे धोखा देकर फरार हो गया।
जाकिर को विदेश में नौकरी दिलाने वाले अन्य भर्ती एजेंटों से मिलवाने पर उसने अनुभव से प्रेरित होकर उन्हीं लोगों के साथ कमीशन-आधारित एजेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया। 2021 में जाकिर दाउद खान ने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखने के बाद फिजा प्लेसमेंट से संपर्क किया और मालिक अरशद से मिले। जिन्होंने उसे दिल्ली में एजेंट के रूप में काम पर रख लिया।
नकद, चेक या बैंक हस्तांतरण में भुगतान एकत्र करना शामिल
जाकिर दाउद खान की भूमिका में अन्य एजेंटों के माध्यम से पीड़ितों की भर्ती करना, कंपनी के साथ उनके संपर्क को सुगम बनाना और नकद, चेक या बैंक हस्तांतरण में भुगतान एकत्र करना शामिल था, जो उसके खाते में जमा किए जाते थे।
वह अरशद और अन्य आरोपितों के साथ मिलकर जाली वीजा, हवाई टिकट और नौकरी के प्रस्ताव पत्र बनाता था। मुकदमा दर्ज हो जाने पर वह दुबई भाग गया था। 2025 में भारत लौटने पर वह महाराष्ट्र के भवंडी में छिपा हुआ था, जहां से उसे स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

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