भीषण गर्मी और लू से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर, शुरू हुई नई पहल
दिल्ली में भीषण गर्मी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। मौसम विभाग ग्रीनपीस इंडिया और श्रमिक संगठनों ने मिलकर लू से बचाव के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य मेहनतकश लोगों तक लू से बचाव की जानकारी पहुंचाना है ताकि वे गर्मी के प्रभावों से सुरक्षित रह सकें।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की तपती गर्मी में सबसे अधिक असर झेलने वाले अब खुद बन रहे हैं लू से लड़ने की तैयारी का चेहरा। मौसम विभाग एवं ग्रीनपीस इंडिया के दिल्ली राइजिंग अभियान के तहत, रेहड़ी-पटरी वाले, दिहाड़ी श्रमिक और सामान लाने ले जाने वाले मेहनतकश लोगों के साथ मिलकर एक नई पहल शुरू की है।
यह पहल है भीषण गर्मी और लू को लेकर निम्न स्तर के लोगों तक जानकारी पहुंचाने की ताकि इसके प्रभाव से बचाव संभव हो सके। इसी के मद्देनजर बृहस्पतिवार को मौसम विभाग के सभागार में श्रमिक संगठनों की साझेदारी से एक कार्यशाला हुई।
इसमें ठेले लगाने वाले, घरेलू काम करने वाले, डिलीवरी पार्टनर और श्रमिक यूनियन के लोग एक साथ बैठे। सबने मिलकर इस पर मंथन किया कि कैसे मौसम की चेतावनी को रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाया जाए। मतलब, जो लोग दिन-भर धूप में काम करते हैं, उन्हें पहले से पता चल जाए कि कब सतर्क रहना है और क्या क्या सावधानी बरतनी है।
मौसम विज्ञानी अखिल श्रीवास्तव ने बताया कि इस सहयोग के तहत, आइएमडी के दैनिक मौसम पूर्वानुमान और लू के अलर्ट को सरल बनाया जा रहा है। साथ ही स्थानीय भाषाओं में अनुवादित कर उन्हें आसानी से समझने योग्य बनाया गया है।
ये संदेश अब सामुदायिक व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से साझा किए जा रहे हैं। शहर भर में वेंडिंग कार्ट, श्रमिक चौकों और कचरा अलगाव बिंदुओं पर भी पोस्टर और हस्त लिखित सूचनाओं के रूप में प्रमुखता से प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
मौसम विभाग के महानिदेशक डा मृत्यृंजय महापात्रा ने कहा कि जागरूकता और सावधानी से ही भीषण गर्मी व लू से अधिकाधिक बचाव संभव हो सकता है।
बस्ती सुरक्षा मंच के संयोजक अकबर अली ने कहा,
“गर्मी की मार हम सबसे पहले झेलते हैं, तो सोचा अब दूसरों को पहले से सावधान करना भी हमारी ज़िम्मेदारी है। अब हम सिर्फ़ जानकारी नहीं बांट रहे, हम संगठित हो रहे हैं, एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। यही हमारी ताक़त है, यही बदलाव लाएगा।”
ग्रीनपीस इंडिया की अभियानकर्ता अमृता ने कहा,
“यह पहल सिर्फ मौसम की खबर सुनाने भर की नहीं है। यह अपने मोहल्ले, अपने लोगों को सुरक्षित रखने की तैयारी है। अब वक़्त आ गया है कि लू को गंभीर आपदा मानकर उस पर देशभर में पुख़्ता इंतज़ाम किए जाएं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं वही लोग जो पहले से इसकी मार झेल रहे हैं। अगर उन्हें समय पर चेतावनी मिले, तो जान बच सकती है।”

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