ग्रीन इंडस्ट्रीज के लिए खुशखबरी, अब कंसेंट टू ऑपरेट का अप्रूवल 20 दिन में नहीं मिला तो माना लिया जाएगा अप्रूव्ड
दिल्ली सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्रीज को बड़ी राहत दी है। अगस्त 2025 से कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) के आवेदन 20 दिनों में प्रोसेस नहीं होने पर ऑटोमेटिक अप्रूव हो जाएंगे। पहले यह समय सीमा 120 दिन थी। इस सुधार से 65 से अधिक उद्योगों को सीधा लाभ होगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने एक और चुनावी वादा पूरा करते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से जुड़ा एक सुधार लागू किया है।
जिससे ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्रीज को डीपीसीसी से मिलने वाले अप्रूवल में होने वाली देरी अब खत्म हो जाएगी।
अगस्त 2025 से, ऐसी इंडस्ट्रीज के कंसेंट टू ऑपरेट (सीटोओ) के आवेदन अगर 20 दिनों के भीतर प्रोसेस नहीं होते, तो उन्हें अपने आप अप्रूव्ड माना जाएगा। पहले यह समयसीमा 120 दिन थी।
इस बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह दिल्ली के व्यापारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी।
इस सुधार को लागू करने में सहयोग देने के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना और हमारी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कदम उठाया है। डबल इंजन सरकार ने वो कर दिखाया जो 50 सालों में नहीं हुआ।
यह सिर्फ रिफार्म नहीं, बल्कि दिल्ली की उद्योग नीति में एक ऐतिहासिक बदलाव है। यह सुधार 65 से अधिक ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्रीज को सीधा फायदा देगा। जो कम प्रदूषण फैलाने वाले और लो-रिस्क सेक्टर माने जाते हैं।
इनमें शामिल हैं रेडीमेड गारमेंट्स (बिना डाई या ब्लीचिंग के), एलुमीनियम और पीवीसी यूनिट्स, बॉयलर के बिना आयुर्वेदिक दवाइयां, कोल्ड स्टोरेज, लकड़ी और स्टील के फर्नीचर, इलेक्ट्रिक ओवन वाली कन्फेक्शनरी यूनिट्स, आप्टिकल प्रोडक्ट्स, खिलौने, साबुन और डिटर्जेंट, बैटरी कंटेनर, कार्डबोर्ड और पैकेजिंग मैन्युफैक्चरिंग आदि शामिल हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।