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    कोरोना के मरीजों को देखने से बच रहे निजी अस्पतालों के डॉक्टर, रोगियों की बढ़ी परेशानी; जानें वजह

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 08:54 PM (IST)

    दिल्ली के कई निजी अस्पतालों में डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ओपीडी में देखने से बच रहे हैं वे वीडियो कॉल से सलाह दे रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के 21 नए मामले आए हैं और 132 मरीज ठीक हुए हैं अब 686 सक्रिय मामले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए मना करना गलत है।

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    कोरोना के मरीजों को देखने से बच रहे निजी अस्पतालों के डॉक्टर।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कई निजी अस्पतालों के डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ओपीडी में देखने से बच रहे हैं। डॉक्टर उन्हें अस्पताल में आकर दिखाने के बजाए घर पर रहकर वीडियो कंसल्टेशन के जरिये चिकित्सकीय सलाह देना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर के पास जाकर दिखाने के इच्छुक मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। यह भी तब जब डॉक्टर खुद बता रहे हैं कि कोरोना इस बार ज्यादा घातक नहीं है। सरकार भी बता चुकी है कि इस बार कोरोना का संक्रमण सामान्य वायरल संक्रमण की तरह है।

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    राहत की बात यह है कि दिल्ली में 24 घंटे में कोरोना के 21 नए मामले आए हैं। वहीं 132 मरीज ठीक हुए हैं। इससे अब तक कुल 1024 मरीज ठीक हो चुके हैं और सात मरीजों की मौत हुई है, जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग मरीज शामिल हैं। जिन्हें पहले से कोई न कोई दूसरी गंभीर बीमारी थी।

    दिल्ली में अभी कोरोना के 686 सक्रिय मरीज

    दिल्ली में अभी कोरोना के 686 सक्रिय मरीज हैं। ज्यादातर लोगों को खांसी, सर्दी, गले में खराश, बुखार जैसी हल्की बीमारी होने के कारण सरकार की तरफ से मरीजों को क्वारेंटाइन करने, सबको मास्क पहनने व शारीरिक दूरी के नियम के पालन जैसे दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है। सिर्फ अस्पतालों में डॉक्टरों व कर्मचारियों को मास्क का इस्तेमाल करने का दिशा निर्देश जारी हुआ है।

    ज्यादातर मरीज बगैर जांच कराए आते हैं

    अपोलो अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि ओपीडी में खांसी, सर्दी व बुखार के साथ पहुंचने वाले मरीज ओपीडी में देखे जा रहे हैं। ज्यादातर मरीज बगैर जांच कराए आते हैं। इसलिए उन्हें पता नहीं होता कि उन्हें कोरोना है या नहीं। कोरोना पाजिटिव पाए जाने वाले सिर्फ उन्हीं मरीजों को अस्पताल आने की सलाह दी जाती है जिन्हें भर्ती करने की जरूरत होती है।

    दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के अध्यक्ष डा. गिरीश त्यागी ने कहा कि यदि कोई मरीज अस्पताल पहुंचकर दिखाना चाहता है तो उसे मना करना गलत है। मास्क व ग्लव्स पहनकर मरीजों को देख सकते हैं।