Delhi Monsoon: छह दिन में पूरा हुआ बारिश का सालाना कोटा, किस महीने में हुई सबसे ज्यादा वर्षा
दिल्ली में मानसून ने इस बार तेजी दिखाई है। सिर्फ छह दिनों की मूसलाधार वर्षा से सालाना वर्षा का लगभग 94% कोटा पूरा हो गया है। मौसम विभाग ने इसका कारण उत्तर पश्चिमी भारत में सक्रिय मौसमी परिस्थितियों को बताया है। मई में सबसे अधिक वर्षा हुई जो सामान्य से छह गुना ज्यादा थी। बादलों का स्वरूप भी बदला है अब थंडर क्लाउड बन रहे हैं।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। मानसून का बदलता पैटर्न कहें या बादलों की बदलती प्रकृति... सिर्फ छह दिनों की झमाझम वर्षा से इस बार भ्ज्ञी सालाना कोटा पूरा होने को है। संभावना है कि अगस्त में ही यह आंकड़ा पूरा हो जाएगा।
मौसम विभाग ने इसका मुख्य कारण उत्तर पश्चिमी भारत में एक साथ सक्रिय कई मौसमी परिस्थितियों का संयोजन बताया है, जिसे इस बार समान रूप से सक्रिय मानसून से भी मदद मिली है।
गौरतलब है कि दिल्ली में सालाना वर्षा का आंकड़ा 774.4 मिमी है जबकि मंगलवार तक 725.5 मिमी यानी लगभग 94 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। हैरानी की बात यह कि 2025 के शुरुआती चार माह में जहां केवल 10.5 मिमी वर्षा दर्ज हुई थी।
वहीं मई, जून, जुलाई व अगस्त में केवल छह दिन की झमाझम वर्षा ने सालाना कोटे को पूर्णता के करीब ला दिया है। मालूम हो कि मई और जून में दो-दो दिन जबकि जुलाई और अगस्त में एक-एक दिन तेज वर्षा दर्ज की गई थी। यहां उल्लेखनीय यह कि पिछले साल भी 30 अगस्त तक राजधानी की वर्षा का सालाना कोटा पूरा हो गया था।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत का कहना है कि पिछले साल ला नीना की स्थिति थी, जो मानसून को गति दे रही थी। इस बार परिस्थितियां तटस्थ हैं, लेकिन उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय कई मौसमी प्रणालियां छाई हुई हैं। इससे मैदानी इलाकों में काफी नमी बनी हुई है। लिहाजा ज्यादातर दिनों में हल्की से मध्यम और कुछ दिनों में भारी वर्षा हो रही है।
मौसम विभाग के एक विज्ञानी ने इसके लिए सक्रिय मौसम प्रणालियों, जिनमें निम्न दबाव वाले क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ भी शामिल हैं, को जिम्मेदार ठहराया। अधिकारी ने कहा, "हमारे यहां प्री मानसून भी काफी सक्रिय रहा है, जो मानसून के मौसम में भी जारी रहा है।
मई रहा सर्वाधिक वर्षा वाला महीना
दिल्ली में इस साल मई अब तक का सबसे अधिक वर्षा वाला माह रहा, जिसमें 186.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। यह सामान्य औसत 30.7 मिमी से छह गुना अधिक है। जून में 107.1 मिमी मासिक वर्षा दर्ज की गई, जो दीर्घावधि औसत 74.1 मिमी से 45 अधिक है।
जुलाई में 259.3 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य औसत 209.7 मिमी से 24 प्रतिशत अधिक थी। इस माह पहले ही 162.1 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। मतलब अगस्त भी 233.1 मिमी के सामान्य आंकड़े तक पहुंचने या उससे आगे निकलने की राह पर है।
अब अल्टो स्ट्रेटस नहीं, बनते हैं थंडर क्लाउड
तकरीबन ढाई दशक पहले जो बादल बनते थे, वो अल्टो स्ट्रेटस होते थे। इनमें अपेक्षाकृत एकरूपता होती थी और वो रुक रुककर समूची दिल्ली में बरसते थे। वर्षा भी कई- कई दिनों तक चलती रहती थी।
लेकिन अब थंडर क्लाउड बनने लगे हैं। इसमें समानता नहीं होती। इनमें पानी सोखने की क्षमता भी काफी कम होती है। इसीलिए ऐसे बादल एकाएक छाते हैं, गरजते हैं और फिर कुछ ही घंटों में बरस भी जाते हैं।
मई, जून, जुलाई में कब कब हुई तेज वर्षा
दिन वर्षा
2 मई 77 मिमी
25 मई 81.4 मिमी
1 जून 15.8 मिमी
15 जून 42 मिमी
29 जुलाई 129.8 मिमी
9 अगस्त 79 मिमी
मंगलवार को भी जारी रहा वर्षा का दौर
सोमवार आधी रात से मंगलवार सुबह करीब 11 बजे तक रुक रुककर कहीं तेज और कहीं हल्की वर्षा का दौर जारी रहा। बाद में मौसम खुल गया, लेकिन हल्की धूप निकल जाने के बावजूद बादलों की लुकाछिपी भी बनी रही।
इस अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री कम 33.7 डिग्री व न्यूनतम सामान्य से 3.6 डिग्री कम 23.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हवा में नमी का स्तर 100 से 64 प्रतिशत रहा।
वर्षा सुबह साढ़े आठ बजे तक 18.7 मिमी जबकि शाम साढ़े पांच बजे तक 0.2 मिमी दर्ज हुई। सर्वाधिक वर्षा पूसा मेें 55.5 मिमी और मयूर विहार में 54.0 मिमी रिकार्ड हुई।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे। हल्की वर्षा के एक या दो दौर होने की संभावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान 34 और 24 डिग्री रह सकता है।
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