भ्रष्टाचार और अधिकारियों की लापरवाही के आरोपों पर दिल्ली सरकार का DUSIB पर शिकंजा, मंत्री ने संपत्तियों की रिपोर्ट मांगी
दिल्ली सरकार ने डूसिब में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए संपत्तियों की रिपोर्ट मांगी है। शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने खाली पड़ी जमीन और कोर्ट में चल रहे मामलों की जानकारी मांगी है। सरकार को आशंका है कि अधिकारियों की मिलीभगत से डूसिब की संपत्तियों का निजी लाभ उठाया जा रहा है। पूर्व में डूसिब के एक अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली: दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) को लेकर लग रहे लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डूसिब से संपत्तियों को लेकर मांगी रिपोर्ट।
शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने पूछा है कि डूसिब की कितनी जमीन खाली पड़ी है और कितनी संपत्तियों पर अदालतों में मामले चल रहे हैं। खाली पड़ी जमीन पर किस तरह आय के साधन बढ़ाए जा सकते हैं, इस पर भी उन्होंने सुझाव मांगे हैं।
सरकार को आशंका है कि अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के कारण भी दिल्ली शहरी से सुधार बोर्ड कंगाल बना हुआ है और उसकी संपत्तियों का निजी लोग लाभ उठा रहे हैं।
जमीन पर कब्जा कर चल रहीं व्यावसायिक गतिविधियां
इसमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हाेंने डूसिब की जमीन पर कब्जा कर व्यावसायिक गतिविधियां चला रखी हैं और डूसिब पर केस किया हुआ है।
जब से दिल्ली में भाजपा सरकार आई है, सरकार का भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी है। सरकार उन मुद्दों पर फोकस कर रही है जहां पर भ्रष्टाचार ज्यादा है, भ्रष्टाचार किया गया है या भ्रष्टाचार हो रहा है।
इसी कड़ी में सरकार ने डूसिब पर ध्यान केंद्रित किया है। कुछ माह पहले ही आप सरकार के समय डूसिब के एक विधि अधिकारी को सीबीआई रिश्वत कांड में गिरफ्तार कर चुकी है।
रिश्वत के मामले में पकड़ चुकी है एक अधिकारी को सीबीआई
विधि अधिकारी विजय मग्गो को एक व्यवसायी से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। मग्गो के आवास से 3.79 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी। इस मामले में डूसिब के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भी आरोप लगे हैं जिनके खिलाफ जांच चल रही है।
आप को जानकर हैरानी होगी कि विजय मग्गो उस डूसिब का विधि अधिकारी था जिसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं दे पाता है।
अब सवाल तो उठता है कि अधिकारी के पास इतने पैसे कहां से आए? कहा यहां तक जाता है कि पिछली सरकार में एक वरिष्ठ आइएएस ने मग्गो को पदोन्नति देने की सिफारिश की थी।
पार्किंग चलाने को दी थी जगह, वापस ही नहीं मिली
सूत्रों की मानें तो डूसिब में मग्गो जैसे कई और अधिकारी भी मौजूद हैं। इस बात सामने आने पर सरकार डूसिब की सफाई करने के मूड में है। यहां गौर करने वाली बात है कि डूसिब के पास संपत्तियों की कमी नहीं है।
जिन बेघरों के नाम पर प्रति वर्ष करोड़ाें का बजट खर्च हो रहा है,उन बेघरों को पूरी सुविधाएं नहीं मिलतीं। डूसिब के कई पार्किंग स्थल खाली पड़े हैं तो कई को कुछ लोगों ने स्थलों को पार्किंग चलाने के लिए लिया था।
इनमें से 22 ने स्थल वापस नहीं किए, मामले अब कोर्ट में हैं, इसी तरह शादी समाराेह के लिए लगने वाले टेंट मामले में भी खेल चल रहा है।
डूसिब की जमीन पर नियमों की अवहेलना कर परमानेंट टेंट लगे हैं, टेंट वाले कुछ स्थलों को लेकर डूसिब और टेंट वालों के बीच अदालत में केस चल रहा है।
वे लोग इन स्थलों पर अपने टेंट लगा रहे हैं। इतना ही दिल्ली में डूसिब की 481 एकड़ से अधिक जमीन खाली पड़ी है।डूसिब की खाली पड़ी जमीन पुनर्वास काॅलोनियों में ही नहीं बल्कि राजा गार्डन जैसे इलाके में भी है।
इन काॅलोनियों में खाली पड़ी है डूसिब की जमीन
- राजाैरी गार्डन में करीब 10 एकड़ जमीन खाली।
- शाहदरा में चार भूखंड।
- झिलमिल बी ब्लाक रामलीला ग्राउंड।
- झिलमिल कालोनी में श्याम सेवा को आपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी मैं दो भूखंड।
- झिलमिल कालोनी में कृष्णा मार्केट के पीछे खाली जमीन।
- नंद नगरी में 21 मीटर से लेकर 33, 36 और 40 मीटर तक के 36 भूखंड खाली पड़े हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।