दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की दुर्दशा पर कांग्रेस का हमला, कहा- कोर्ट की टिप्पणी ने ...
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की खराब हालत पर उच्च न्यायालय की टिप्पणी को स्वच्छ भारत अभियान की विफलता बताया। उन्होंने भाजपा और आप सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि मुख्यमंत्री और मेयर जनता को सुविधाएं देने के बजाय फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं। उन्होंने बाजारों में शौचालयों की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की बदतर हालत पर हाई कोर्ट की टिप्पणी को स्वच्छ भारत अभियान की असलियत करार दिया है। उनका कहना है कि दिल्ली देश की राजधानी है।
इसके बावजूद अभी तक इसे खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित न किया जाना भाजपा और पिछली आम आदमी पार्टी की सरकारों की असफलता है। सवाल यह भी उठता है कि जब प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान दिल्ली में ही फेल है तो पूरे देश में क्या हाल होगा?
यादव ने कहा कि भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार पिछली सरकार के नक्शे कदम पर चल रही है। मुख्यमंत्री, मेयर और मंत्री जनता को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने की बजाए फोटो खिंचवाने की राजनीति करने में व्यस्त हैं।
यही कारण है कि हाई कोर्ट ने दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों के रख-रखाव में पूर्ण उदासीनता और असंवेदनशीलता पर दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम की कार्यशैली पर चिंता जताई और अव्यवस्थाओं के लिए फटकार लगाई है।
यादव ने कहा कि दिल्ली में मुख्य बाजारों जैसे कि चांदनी चौक, पहाड़गंज, नेहरु प्लेस, आजाद मार्केट, जनकपुरी, तिलक नगर, राजौरी गार्डन आदि क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों की बुरी हालत है।
जबकि ये बाजार अरबों रुपये टैक्स के रुप में दिल्ली सरकार व नगर निगम को देते है। पहाड़गंज क्षेत्र के संगत राशान बाजार, अनाज मंडी और जनरल मार्केट के शौचालयाें की फोटो दिल्ली में निकायों की खस्ता हालत को दर्शाता है।
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