हत्या के मकसद से हुआ था CM रेखा गुप्ता पर हमला, मामले की जांच पूरी; आरोपपत्र दायर करने में जुटी पुलिस
दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में है। पुलिस ने दो आरोपियों राजेश भाई खिमजी भाई और तहसीन को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि राजेश ने हत्या के इरादे से हमला किया था और तहसीन ने उसकी मदद की थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान दर्ज किए हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय पर जानलेवा हमला करने के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच लगभग पूरी हो गई है। अब पुलिस गिरफ्तार दोनोें आरोपित राजेश भाई खिमजी भाई और तहसीन के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने में जुट गई है।
संयुक्त आयुक्त, डीसीपी, एसीपी और एक इंस्पेक्टर की देखरेख में पुलिस की टीम आरोपपत्र तैयार कर रही है। सूत्रों की मानें तो एक माह के अंदर उत्तरी जिला पुलिस तीस हजारी कोर्ट में आरोपपत्र दायर कर देगी। जल्द आरोपपत्र दायर करने के पीछे मकसद यह है कि इससे कोर्ट में जल्द ट्रायल शुरू हो सके और आरोपितों को सजा मिल सके।
दिल्ली पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से खेख रही है। केस से संबंधित हर प्रगति की जानकारी से नियमित तौर पर मुख्यमंत्री व पुलिस आयुक्त को अवगत कराया जा रहा है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच से यह बात साफ हो गई है कि राजेश भाई खिमजी भाई ने हत्या के मकसद से सीएम पर जानलेवा किया था।
राजकोट के रहने वाले साथी तहसीन के साथ मिलकर उसने पहले हत्या करने की साजिश रची थी उसके बाद वह वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली आया था। यहां नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने के बाद उसने एक सब्जी विक्रेता का चाकू चोरी कर लिया था।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि राजेश भाई खिमजी भाई के खिलाफ राजकोट के भक्तिनगर थाने में करीब 12 मामले दर्ज हैं जिनमें कुछ शराब तस्करी, मारपीट व अन्य मामले दर्ज हैं। उज्जैन में तहसीन ने राजेश भाई को दिल्ली जाने के लिए 2000 रुपये ट्रांसफर किए थे।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि घटना के बाद पुलिस ने कैंप कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज व डीवीआर जब्त कर लिए थे। सारी घटना कैमरे में कैद हो गई थी। इसके अलावा पुलिस ने घटना के समय कैंप कार्यालय में मौजूद सीएम की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट के पुलिसकर्मी, सीएम कार्यालय के कर्मचारी व जन सुनवाई में मौजूद करीब 40 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं जिन्हें पुलिस अधिकतर को चश्मदीद गवाह व कुछ को अन्य गवाह बनाएगी।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में सीएम का बयान दर्ज नहीं किया जाएगा। राजेश भाई खिमजी भाई व तहसीन के मोबाइल को भी पुलिस ने जब्त कर लिया था। जिससे इस मामले में पुलिस ने पर्याप्त इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटा लिए हैं। पुलिस अब आरोपपत्र में मुकदमे के अनुरूप बहुत ही सावधानी से अपराध की जोड़ने में जुटी हुई है।
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