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    दिल्ली सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव, सभी तरह के लाइसेंस लेने के लिए बनाया जाएगा एकीकृत पोर्टल

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 08:01 PM (IST)

    उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की बैठक में दिल्ली सरकार के कामकाज को सुधारने के लिए कई अहम फैसले हुए। जिला स्तरीय अधिकारी अब डीएम को रिपोर्ट करेंगे और सभी लाइसेंसों के लिए एक एकीकृत पोर्टल बनेगा। एमसीडी एनडीएमसी समेत कई एजेंसियों के डाटाबेस आपस में जुड़ेंगे जिससे कामकाज में पारदर्शिता और तेजी आएगी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में जीवन को बेहतर बनाना है।

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    सभी तरह के लाइसेंस के लिए दिल्ली सरकार बनाएगी एकीकृत पोर्टल।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

    अब दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी जिले के डीएम को रिपोर्ट करेंगे, सभी तरह के लाइसेंस के लिए एक एकीकृत पोर्टल बनाया जाएगा।

    एमसीडी, एनडीएमसी, उद्योग, जीएसटी, श्रम विभाग जैसी एजेंसी के डाटाबेस आपस में जोड़े जाएंगे। माना जा रहा है कि ऐसा करने से दिल्ली सरकार की व्यवस्थाएं बेहतर की जा सकेंगी।

    एलजी और सीएम की शुक्रवार काे हुई बैठक में राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का जीवन से जुड़ी समस्याओं और ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई।

    बैठक में दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा और श्रम मंत्री कपिल मिश्रा के साथ दिल्ली के मुख्य सचिव, एनडीएमसी अध्यक्ष, एमसीडी आयुक्त सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

    इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लाइसेंसिंग व्यवस्था को तर्कसंगत और आसान बनाने के अलावा प्रक्रिया के दोहराव को खत्म करना था।

    सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का एकीकृत डाटाबेस बनाने के साथ साथ लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को अधिक आसान बनाने के लिए एजेंसियों को एक साथ लाना भी इस बैठक के एजेंडा का हिस्सा था।

    बैठक में यह बात सामने आई कि अनेक भागों में बंटा डाटाबेस है, कई लाइसेंसिंग प्राधिकरण हैं, लाइसेंसों के लिए एकीकृत पोर्टल का न होने से आवेदकों को परेशानी होती है और भ्रष्टाचार बढ़ता है।

    बैठक में एलजी ने कई अप्रासंगिक प्रक्रियाओं को खत्म करने में दिल्ली सरकार द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को शेष कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

    उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कई लाइसेंसिंग प्राधिकरणों के कारण लोगों को अक्सर परेशानियों का सानमा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में शुरू किए जा रहे सुधार जल्द ही असरदार साबित होंगे और दिल्ली को निवेश के लिए एक गंतव्य के रूप में स्थापित करेंगे।

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    उन्होंने मुख्य सचिव को लोगों की सहूलियत के लिए, प्रत्येक जिले में सभी विभागों को मिलाकर एकीकृत कार्यालय परिसर बनाने की संभावना तलाशने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे लोगों और सरकार, दोनों के समय और संसाधनों की काफी बचत होगी।

    केंद्र के सुझावों के आधार पर बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

    • अग्निशमन संबंधी मंजूरी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिटर का पैनल।
    • भवन योजना की मंजूरी के लिए सभी संबंधित विभागों से NOC (जैसे अग्निशमन, डीपीसीसी) प्राप्त करने के लिए एक समान आवेदन पत्र
    • दो करोड़ रुपये तक के निवेश वाले उद्योगों के लिए स्व-प्रमाणन के त्रिपुरा माडल को अपनाया जाएगा।
    • शासन में आसानी के लिए एमसीडी क्षेत्रों की सीमाओं को राजस्व जिलों के साथ समायोजित करना।
    • स्कूलों, अस्पतालों, नालियों, सड़कों आदि के लिए जिलाधिकारियों का निरीक्षण प्रारूप होगा, जिसे प्रशासनिक सुधार विभाग तैयार करेगा।

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