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    दक्षिणपुरी हादसा: रातभर जलता रहा एलपीजी गैस का चूल्हा, ऑक्सीजन कम होने से घुटा था दम; तीन लोगों की हुई थी मौत

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Suman
    Updated: Mon, 07 Jul 2025 11:56 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली के दक्षिणपुरी में एलपीजी गैस चूल्हे के जलने से तीन एसी मैकेनिकों की दम घुटने से मौत हो गई। कमरे में वेंटिलेशन न होने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गई और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन गई। एक मैकेनिक एम्स में उपचाराधीन है जिसकी हालत में सुधार हो रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और हसीब के होश में आने का इंतजार कर रही है।

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    दक्षिणपुरी इलाके में तीन एसी मैकेनिकों की हुई थी दम घुटने से मौत।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिणपुरी में शनिवार को हुई एसी मैकेनिकों की मौत रातभर एलपीजी गैस चूल्हा जलने की वजह से दम घुटने के कारण हुई थी। पुलिस जब सुबह कमरे में दाखिल हुई तो वहां रखा एलपीजी गैस चूल्हा जलता हुआ मिला था।

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    ऐसे में फोरेंसिक टीम का मानना है कि कमरे में वेंटिलेशन न होने के कारण चूल्हे में जल रही आग ने कमरे में आक्सीजन की कमी कर दी। जिस कारण से वहां सो रहे चारों का दम घुट गया। हादसे में तीन मैकेनिकों इमरान, मोहसिन, कपिल की मौत हो गई, जबकि चौथा हसीब अभी एम्स ट्रामा सेंटर में उपचाराधीन है। स्वजन के अनुसार उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

    पुलिस के अनुसार दक्षिणपुरी के जिस 25 गज के कमरे में चारों रहते थे, उसमें वेंटिलेशन का कोई इंतजाम नहीं था। कमरे का दरवाजा तोड़ कर जब पुलिस अंदर दाखिल हुई तो कमरे में एलपीही गैस की भी तेज दुर्गंध आ रही थी और चूल्हा जल रहा था।

    हवा की निकासी सही तरीके से नहीं हो सकी

    एफएसएल टीम के अनुसार रातभर चूल्हा जलने और हवा की निकासी नहीं होने के कारण धीरे-धीरे कमरे में आक्सीजन की मात्रा कम हो गई और कमरे में कार्बन मोनो आक्साइड़ गैस बनी, जिसकी चपेट में आने से चारों बेसुध हो गए और उनका दम घुट गया, जिससे तीन की मौत हो गई।

    वहीं एम्स में दाखिल हसीब के भाई अयूब ने बताया कि हसीब की हालत में सुधार हो रहा है। हालांकि अभी वो होश में नहीं आया है। डाक्टरों का कहना है कि रिकवरी होने में अभी थोड़ा टाइम लगेगा। वहीं हसीब के ठीक होने पर पुलिस भी उसका बयान दर्ज करेगी, ताकि घटना से पहले कमरे में क्या हुआ, उसके बारे में जानकारी मिल सके। बता दें कि शनिवार को हादसे का शिकार हुए चारों युवक मूलरूप से बरेली, उत्तर प्रदेश के गांव तिलियापुर बंडिया के रहने वाले थे।