दिल्ली की सड़कों से हटाई गईं 533 क्लस्टर बसें, इनकी उम्र बाकी थी पर सरकार ने नहीं दी चलाने की अनुमति
दिल्ली में बसों की कमी के बीच 533 क्लस्टर बसें सड़कों से हटा दी गई हैं जिससे सार्वजनिक परिवहन पर असर पड़ेगा। DIMTS के बेड़े में बसों की संख्या घटकर 2700 रह गई है। इन बसों का परमिट 15 जुलाई तक ही मान्य था और सरकार ने इन्हें आगे चलाने की अनुमति नहीं दी। इन बसों के कई रूट प्रभावित होंगे।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: बसों की कमी से जूझ रही दिल्ली की सड़कों से बुधवार को डिम्ट्स के तहत क्लस्टर सेवा की 533 बसें और हट गई हैं। इससे जनता की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है।
पहले से ही बसों की कमी से जूझ रहे लोगों की समस्या और बढ़ गई है। इस भरपाई के लिए नई बसों की फिलहाल उम्मीद कम है। क्लस्टर सेवा की इन बसों का परमिट 15 जुलाई तक ही मान्य था।
इन बसों के हटने से डिम्ट्स के पास अब तक 3200 में से अब 2700 बसें ही रह गई हैं। एक साथ 533 बसों के हटने से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बड़ा झटका माना जा रहा है।
इन बसों की उम्र अभी शेष है, मगर सरकार ने इन्हें चलाने की अनुमति नहीं दी है। इस बारे में परिवहन मंत्री डाॅ. पंकज सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, मगर उनका पक्ष उपलब्ध नहीं हो सका।
जिन डिपो के तहत ये बसें आ रही हैं, उनमें सीमापुरी, राजघाट और नजफगढ़ का कैर डिपो शामिल है। सूत्रों की मानें तो ये बसें 10 साल पूरे कर चुकी हैं।
इन बसों को चलाने की अवधि दो साल और बढ़ाई जा सकती है। बसों की उम्र अभी बची हुई है, मगर परिवहन विभाग ने इन्हें अब और चलने की मंजूरी नहीं दी है।
जिन रूटों पर ये बसें चल रही थीं, उनमें आईएसबीटी कश्मीरी गेट, द्वारका के विभिन्न इलाके, उत्तम नगर क्षेत्र, मध्य दिल्ली के कई क्षेत्र कपासहेड़ा, नेहरू प्लेस सहित दक्षिणी दिल्ली के कई इलाके तथा पूर्वी दिल्ली के भी कई इलाके शामिल हैं।
तीनों छिपो को मिलाकर करीब 40 रूटों पर ये बसें चल रही थीं। हालांकि इन बसों को विस्तार नहीं देने का एक कारण बस डिपो के इलेक्ट्रिक बसों के लिए तैयार किए जाने को भी माना जा रहा है।
मगर सूत्रों ने कहा कि ऐसी कोई समस्या नहीं है, सरकार चाहती तो इन बसों को विस्तार दिया जा सकता था। मगर शाम तक भी इन बसों के लिए कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि इन बसों का परमिट नहीं बढ़ाया गया है और बुधवार से ये बसें सड़कों पर नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार विचार करती है तो अगले कुछ दिनों में ये बसें सड़ृकों पर आ सकती हैं, मगर इसकी संभावना ना के बराबर है।
ये वे बसें हैं जो पिछले 10 साल से डिम्टृस के तहत चल रही थीं। जिनका आप सरकार ने जून 2024 में संचालन रोक दिया था, मगर बस संचालक अदालत चले गए थे।
जिस पर इन्हें 15 जुलाई 2025 तक विस्तार दे दिया गया था। इन बसों के हटने के बाद डिम्ट्स के पास बसों की संख्या जो अभी 3200 थी, बुधवार से 2700 रह जाएगी।
परिवहन सेवा के जानकार मानते हैं कि भले ही ये बसें सरकार के अंतर्गत नहीं है मगर सरकार के खर्चे पर ही बसें संचालित होती हैं और सरकार की ओर से ही जनता को राहत देने का काम करती हैं।
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