दिल्ली के छात्रों को मिलेगा कौशल और उद्यमिता का प्रशिक्षण, तीन नए शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू करने का एलान
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एससीईआरटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्कूली छात्रों के लिए तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए। नीव पाठ्यक्रम बिजनेस माइंडसेट विकसित करेगा साइंस ऑफ लिविंग व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देगा और राष्ट्र नीति राष्ट्र निर्माण की समझ देगा। शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया और शिक्षकों से इस पहल को आंदोलन बनाने का आग्रह किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में तीन नए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों नीव (उद्यमिता और नवाचार का प्रशिक्षण), साइंस आफ लिविंग और राष्ट्र नीति को लांच किया।
स्कूली छात्रों के लिए इस पाठ्यक्रम को लांच करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और नागरिक जिम्मेदारी के साथ सशक्त बनाना है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के सभी सरकारी स्कूलों में इन करिकुलम को लागू किया जाएगा, जिससे लाखों विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। नीव पाठ्यक्रम बच्चों में प्रारंभ से ही बिजनेस माइंडसेट विकसित करेगा और उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक कौशलों से परिचित कराएगा, ताकि वे नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले नागरिक बनें।
वहीं, साइंस आफ लिविंग के जरिए बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास और समाज के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जाएगा। राष्ट्र नीति करिकुलम छात्रों को राष्ट्र निर्माण और नीति-निर्माण की बुनियादी समझ देगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार स्कूलों के संसाधनों में कोई कमी नहीं रहने देगी। उनका जोर बड़ी इमारतें या फ्लाईओवर बनाने पर नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रयोगशालाओं, खेल मैदानों और अन्य आवश्यक सुविधाओं पर रहेगा।
उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे इस शिक्षा अभियान को एक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं, ताकि दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी संस्थानों से पीछे न रहकर उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करें।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित सेवा पखवाड़े के अंतर्गत यह पहल शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी केवल छात्र नहीं, बल्कि भविष्य का प्रधानमंत्री, वैज्ञानिक, उद्यमी, कलाकार या सैनिक हो सकता है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ गुड टच-बैड टच, मोबाइल और ट्रैफिक का जिम्मेदार उपयोग व सिविक सेंस जैसी व्यावहारिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए।
सूद ने जोर देकर कहा कि राजनीतिक कारणों से सरकारी शिक्षा पिछड़ गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अब इसे फिर से प्रतिष्ठा दिलाई जा रही है। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे मिलकर ऐसा वातावरण बनाएं, जिसमें अभिभावक गर्व से अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराएं।
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