दिल्ली में झुग्गी के बदले फ्लैट मिलने से लोगों में खुशी की लहर, आवेदन करते ही लगे बिजली के मीटर
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने जंगपुरा के मद्रासी कैंप से विस्थापित 189 परिवारों को नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित किए हैं। निवासियों को बिजली जैसी सुविधाएं तो मिली हैं लेकिन स्कूल अस्पताल और परिवहन की कमी खल रही है। कैंप के पास काम करने वाले लोगों को अब दूर दराज से नौकरी पर जाना मुश्किल हो रहा है जिससे वे नरेला में ही रोजगार ढूंढ रहे हैं।

शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। जंगपुरा स्थित मद्रासी कैंप से दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से हटाई गई झुग्गियों के बाद नरेला सेक्टर-जी-7, पॉकेट-4 व 5 में 189 परिवारों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट मिले हैं। लोगों का कहना है बिजली के मीटर आवेदन करते ही लग गए हैं।
यहां पानी, बिजली, सीवर के साथ ही अन्य सुविधाएं तो है, लेकिन स्कूल, अस्पताल, डिस्पेंसरी समेत इंटरनल ट्रांसपोर्ट का अभाव है। लोगों का कहना है कि झुग्गियों के बदले फ्लैट पाकर पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं।
लेकिन यह फ्लैट मद्रासी कैंप के 10 किलोमीटर के दायरे में मिलते तो अपने कार्यस्थलों तक पहुंचना आसान होता। लोगों ने कहा कि हम कैंप के 10 किलोमीटर के दायरे में ही नौकरी करते हैं।
ऐसे में 40 से 45 किलोमीटर की दूरी तय कर काम पर जाना आसान नहीं है। ऐसे में वे अब नरेला और बवाना में ही नौकरी की तलाश करेंगे। मद्रासी कैंप से नरेला आए लोगों ने बताया कि अधिकतर लोगों को 15 से 20 दिन पहले ही फ्लैट मिल गए थे।
पॉकेट-4 में 80 परिवार और पॉकेट-5 में 109 परिवार को फ्लैट मिले हैं। फ्लैट की घोषणा होते ही सभी ने बिजली मीटर के लिए आवेदन कर दिए थे। सोमवार को यहां अधिकतर लोगों के मीटर भी लग गए हैं।
अभी ट्यूबवेल से भूजल की आपूर्ति हो रही है। दिल्ली जलबोर्ड का पानी यहां नहीं है वहीं, आसपास स्कूल, अस्पताल, मार्केट के अलावा इंटरनल ट्रांसपोर्ट की सुविधा की कमी है।
लोगों का कहना है कि बच्चों कोे कहां पढ़ाएंगे। छोटे बच्चे आखिर कैंप के पास स्कूलों में जाकर कैसे पढ़ाई करेंगे। वे आसपास के ही स्कूलों में बच्चों का दाखिला भी कराएंगे।
पॉकेट-5 ए-5 ब्लॉक का 14 नंबर फ्लैट मिला है। 15 दिन पहले ही फ्लैट मिल गया था। बिजली का मीटर भी लग चुका है। पीने का पानी और सीवर लाइन सभी सुविधा है। लाजपत नगर स्थित अपने कार्यस्थल कपड़े की दुकान पर नरेला से जाना मुश्किल हो जाएगा। मद्रासी कैंप से लाजपत नगर की दूरी तीन किलोमीटर है। अब यहां से 40-45 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा।
-- कुमार
यहां 10 नंबर फ्लैट मिला है। एक सप्ताह पहले मिल गया था। यहां फ्लैट तो बेहतर है, लेकिन वह आश्रम से पटियाला कोर्ट के बीच स्कूल कैब चलाते हैं। ऐसे में नरेला से जाना मुश्किल हो जाएगा। फ्लैट तो बेहतर मिला है, लेकिन रोजगार की दिक्कत हो रहा है। रोजाना यहां से कैसे जाएंगे। खुद के कैब से पहुंचने मेे डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। -अरूण
49 नंबर फ्लैट मिला है। झुग्गी के बदले मकान तो बेहतर है, लेकिन हम सभी मद्रासी कैंप में सालों से रह रहे थे। ऐसे में हम नौकरी भी उसी क्षेत्र में करते हैं। अब बिना मेट्रो यहां से मद्रासी कैंप क्षेत्र में जाना कैसे संभव है। यहां से कोई बस भी सीधी नहीं है। कई बसें बदलने के बाद हम पहुंच पाएंगे। -ई-एलेंगो
189 नंबर का फ्लैट लिस्ट में उनके नाम था। लेकिन अब झुग्गी टूटने के बाद इस फ्लैट को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल रही। बाद में कहा जा रहा है कि वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। इसलिए फ्लैट नहीं मिलेगा। जबकि 2025 विधानसभा चुनाव में वोट भी डाला है। परिवार में चार सदस्य हैं, अब झुग्गी टूट गई है। अब हम जाए तो कहां जाए।
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