Delhi News: पीडब्ल्यूडी खरीद रही एमआरएस, अब एमसीडी कर सकेगा छोटी गलियों की मशीन से सफाई
दिल्ली में अब छोटी सड़कों की भी मशीनी सफाई होगी क्योंकि पीडब्ल्यूडी अपनी 70 एमआरएस खरीद रहा है। इससे एमसीडी की मशीनें निगम की सड़कों पर चलेंगी और वायु प्रदूषण में कमी आएगी। एमसीडी को केंद्र सरकार की एन-केप परियोजना से 14 एमआरएस और मिलेंगी। वर्तमान में एमसीडी की एमआरएस ही पीडब्ल्यूडी की 1400 किलोमीटर सड़कों की सफाई करती हैं।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी वायु प्रदूषण का बड़ा कारक छोटी-बड़ी सड़कों के किनारे जमा धूल भी है। इन्हें साफ करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) का इस्तेमाल होता है। पर, अभी तक यह केवल 60 फिट या उससे बड़ी सड़कों की ही सफाई करती थीं।
इस कारण एमसीडी की छोटी सड़कों की मशीनी सफाई नहीं हो पाती थी। क्योंकि पीडब्ल्यूडी के पास अपनी एमआरएस न होने से एमसीडी की एमआरएस उसकी सड़कों की सफाई में लगी रहती थी।
पीडब्ल्यूडी के अब अपनी एमआरएस खरीदने से एमसीडी की मशीन छोटी सड़कों की सफाई में इस्तेमाल होगी। अब यह मशीन 60 फीट से भी छोटी सड़कों पर चलती नजर आएंगी।
दिल्ली की नई सरकार में लोक निर्माण विभाग अपनी 70 एमआरएस खरीद रहा है। ऐसे में निगम की एमआरएस को अब निगम की सड़कों पर चलाया जाएगा।
फिलवक्त निगम के पास 52 एमआरएस हैं। एमसीडी को केंद्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर परियोजना (एन-केप) के जरिये 14 एमआरएस मिलने जा रही है। मशीनों की संख्या बढ़ने और सड़कों से धूल कम होने से दिल्ली के वायु प्रदूषण में कमी की संभावना भी जाग्रत हुई है।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए गंभीर है। इसलिए इसे वायु प्रदूषण के विभिन्न कारकों पर काम किया जा रहा है। अभी एमसीडी की एमआरएस ही पीडब्ल्यूडी की 1400 किलोमीटर सड़कों की सफाई करती हैं।
अब चूंकि पीडब्ल्यूडी हर विधानसभा के हिसाब से एक एमआरएस खरीद रहा है। इससे हमारी जो मशीनें है , नका प्रयोग हम 45-60 फिट तक चौड़ी सड़कों की सफाई में करेंगे। दावा किया कि इससे कालोनियों में धूल प्रदूषण कम होगा।
बताया कि अभी निगम के पास 52 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें हैं। 14 मशीनें हमें जल्द ही मिलने जा रही हैं। हमारी स्थिति और मजबूत हो जाएगी। कहाकि छोटी सड़कों पर बड़ी संख्या में नागरिक पैदल चलते हैं, धूल के कारण स्वास्थ्य की समस्याएं होती है।
बड़ी सड़कों पर तो ज्यादातर लोग पैदल नहीं चलते हैं। ऐसे में एमसीडी की छोटी सड़कों की मशीनी सफाई लोगों के लिए फायदेमंद होगी। बताया की मशीन हर दूसरे दिन एमसीडी सड़क की सफाई करेंगी। एमसीडी की एक मशीन एक दिन में औसतन 30-35 किलोमीटर चलती है। जो कि 150 टन प्रतिदिन धूल को सड़कों से साफ करती हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 60 फिट से चौड़ी सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के पास हैं जबकि इससे छोटी सड़कों की जिम्मेदारी एमसीडी के पास है। एमसीडी सिर्फ पीडब्ल्यूडी की 60 फिट से चौड़ी सड़कों की सफाई करता है।
एमसीडी के पास 52 मैकेनिकल रोड स्वीपर (एमआरएस) का बेड़ा है।
वर्तमान औसत सफाई (प्रति यूनिट प्रतिदिन): 30-35 किलोमीटर
एमआरएस मशीनें मुख्य पीडब्ल्यूडी सड़कों (60 फीट से अधिक चौड़ी) को साफ करती हैं।
प्रतिदिन- 150 टन प्रतिदिन धूल साफ करतीं हैं
अभी किस जोन में कितनी लगी हैं मशीनें
ज़ोन का नाम | मशीनों की संख्या |
---|---|
नजफगढ़ | 8 |
दक्षिण ज़ोन | 7 |
मध्य ज़ोन | 7 |
पश्चिम ज़ोन | 5 |
शहादरा उत्तर | 2 |
शहादरा दक्षिण | 5 |
सिविल लाइंस | 3 |
रोहिणी | 4 |
केशवपुरम | 5 |
करोल बाग | 2 |
नरेला | 2 |
सिटी सदर पहाड़गंज | 2 |
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