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    दिल्ली को लेकर क्या है MCD का खास प्लान? एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर बताया

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 10:57 AM (IST)

    दिल्ली नगर निगम ने एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि दिल्ली को डलावघर मुक्त बनाने का काम जारी है। भूमि की कमी के कारण कचरा पृथक्करण और पार्किंग स्थलों के आवंटन में देरी हो रही है। कुछ डलावघरों को एफसीटीएस में बदला गया है। पहले 1494 डलावघर थे जिनमें से 985 को बंद कर दिया गया है और वहां सामुदायिक केंद्र खोले गए हैं।

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    दिल्ली को डलाव मुक्त शहर बनाने की चल रही है प्रक्रिया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में डलावघर से गंदगी होने से जुड़े एक आवेदन पर दिल्ली नगर निगम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में रिपोर्ट दाखिल करके कहा कि डलावघरों को हटाने और दिल्ली को 'डलाव मुक्त शहर' बनाने की पूरी प्रक्रिया चल रही है।

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    भूमि की उपलब्धता की कमी और भूमि स्वामित्व एजेंसियों द्वारा ऐसी भूमि के आवंटन में देरी के कारण अपशिष्ट पृथक्करण और वाहनों की पार्किंग के लिए साइटों का आवंटन प्रक्रियाधीन है।

    यह भी कहा कि कुछ बंद डलावघरों को भूमि की उपलब्धता के आधार पर फिक्स्ड काम्पैक्टर ट्रांसफर स्टेशन (एफसीटीएस) में परिवर्तित कर दिया गया है। रिपोर्ट में एमसीडी ने कहा कि वर्तमान में 509 चालू डलावघरों के लिए 309 एफसीटीएस चालू हैं, जिनमें से 250 का उपयोग सड़क सफाई कचरे और गाद के भंडारण के लिए किया जा रहा है।

    एमसीडी ने रिपोर्ट में कहा कि प्रारंभ में 1494 डलाव थे और इसमें से 985 डलाव को बंद कर दिया गया है। इसके बजाय उक्त स्थानों पर लाइब्रेरी, अध्ययन कक्ष, प्रशिक्षण केंद्र, वरिष्ठ नागरिक केंद्र समेत अन्य केंद्र खोले गए हैं।

    एमसीडी ने उक्त जवाब जनवरी 2025 में दिए गए एनजीटी के आदेश पर दाखिल किए हैं। आवेदनकर्ता नील मनी ने मामले में आवेदन दाखिल कर डलाव घरों को बंद करने का निर्देश देने की मांग की है।