दिल्ली के LG के आदेश के खिलाफ वकीलों की हड़ताल रहेगी जारी, जानिए क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में उपराज्यपाल के आदेश के खिलाफ अधिवक्ताओं की हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। पुलिस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सबूत पेश करने की अनुमति के विरोध में समन्वय समिति ने सभी जिला न्यायालयों में काम से विरत रहने का फैसला किया है। सीबीआई-ईडी के वकीलों और पुलिस अधिकारियों को भी अदालत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। डीएचसीबीए ने भी आदेश को कानून के खिलाफ बताया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पुलिस को थानों से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति देने संबंधी उपराज्यपाल के आदेश के खिलाफ अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आदेश वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार व शनिवार को कार्य से विरत रहने वाले अधिवक्ता अब सोमवार को भी हड़ताल जारी रखेंगे।
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में हुई दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों और बार संघों की समन्वय समिति की बैठक 25 अगस्त को दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों में कार्य से पूरी तरह विरत रहने का निर्णय लिया गया है। 13 अगस्त को उपराज्यपाल ने आदेश जारी किया था, जिसमें पुलिस को थानों से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई थी।
उक्त आदेश का विरोध करते हुए समन्वय समिति के अतिरिक्त महासचिव तरुण राणा ने कहा कि दो दिन के हड़ताल के बावजूद भी सरकार की तरफ से इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया है, जनविरोधी कानून के संबंध में क्या किया जा रहा है।
कमेटी के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार ने कहा कि सोमवार को सभी जिला अदालत कॉम्प्लेक्स के बाहर विरोध-प्रदर्शन व सड़क जाम किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो उपराज्यपाल का घेराव भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया है कि सीबीआई-ईडी लोक अभियोजकों के साथ ही एनएआइबी न्यायालयों सहित पुलिस अधिकारियों को भी अदालतों में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह विरोध-प्रदर्शन न्यायालय परिसरों में आम जनता को इस मनमानी अधिसूचना के बारे में जागरूक करने के लिए किया जाएगा।
डीएचसीबीए ने भी आदेश वापस लेने की मांग की
दिल्ली हाई कोर्ट बार ऐसोसिएशन (डीएचसीबीए) ने भी उपराज्यपाल द्वारा जारी आदेश का विरोध करते हुए इसे कानून की मूल भावना के विपरीत बताया है। आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए डीएचसीबीए सचिव विक्रम सिंह पंवार ने कहा कि इसे लागू करने से ट्रायल प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी और ऐसे ट्रायल के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।