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    जेएनयू में समिट का हिस्सा बनेंगे विदेश मंत्री एस जयशंकार, वैश्विक व्यवस्थाओं में भारत की भूमिका पर होगी चर्चा

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 07:25 PM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआईएस) के 70वें स्थापना दिवस पर अरावली समिट 2025 का आयोजन किया जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस दो दिवसीय समिट का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में भारत की वैश्विक भूमिका आर्थिक प्रगति तकनीक संस्कृति और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। यह कार्यक्रम विकसित भारत 2047 के विजन को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा।

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    विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे जेएनयू एसआइएस के अरावली समिट का उद्घाटन।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआईएस) के 70वें स्थापना दिवस पर अरावली समिट 2025 का आयोजन किया जाएगा।

    छह और सात अक्टूबर को आयोजित होने वाली इस दो दिवसीय समिट का उद्घाटन विदेशी मंत्री एस जयशंकर करेंगे।

    एसआईएस के डीन प्रो. अमिताभ मट्टू ने बताया कि भारत और विश्व व्यवस्था: 2047 की तैयारी विषय पर ये समिट विदेश मंत्रालय और चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित की जा रही है।

    कार्यक्रम में इंटरनेशनल स्टडीज जर्नल का विशेष अंक और एसआईएस के इतिहास व योगदान पर आधारित 15 मिनट की डाक्यूमेंट्री भी जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब से अरावली समिट प्रतिवर्ष आयोजित की जाएगी।

    प्रो. मट्टू ने कहा कि यह सम्मेलन संस्थान के 70वें वर्ष का ऐतिहासिक क्षण है। एसआईएस लंबे समय से वह केंद्र रहा है, जहां शैक्षणिक चिंतन और नीतिगत विमर्श का संगम होता है।

    उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया अशांत समय से गुजर रही है, तो हमें अपनी प्राचीन धरोहर और अरावली पर्वतमालाओं जैसी स्थिरता को विदेश नीति में आत्मसात करने की जरूरत है।

    इस दो दिवसीय सम्मेलन में नीति-निर्माताओं, विद्वानों और विशेषज्ञों के बीच भारत की आंतरिक तैयारियों और वैश्विक व्यवस्थाओं में उसकी भूमिका पर गहन चर्चा होगी।

    विषयों में भारत की आर्थिक प्रगति, तकनीक और नवाचार, प्रवास व प्रवासी भारतीय, सांस्कृतिक-सभ्यतागत पहचान, जलवायु न्याय और टिकाऊ विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं।

    प्रो. मट्टू ने कहा कि यह सम्मेलन भारत सरकार के विकसित भारत 2047 विजन को वैश्विक विमर्श में रखने का एक मंच है।

    अरावली समिट का उद्देश्य यह समझना है कि आने वाले दशकों में भारत किस प्रकार एक न्यायपूर्ण, लचीली और समावेशी विश्व व्यवस्था का निर्माण करने और उसका हिस्सा बनने में योगदान दे सकता है।

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