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    शवों के इंतजार में बीत गए 9 दिन, आखिर कब होगा अंतिम संस्कार? झकझोर देने वाला था हादसा

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 02:44 PM (IST)

    बाहरी दिल्ली के रिठाला अग्निकांड में मृतकों की शिनाख्त का इंतजार है। पुलिस ने डीएनए नमूने लिए हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। मृतकों के परिजन शवों का इंतजार कर रहे हैं ताकि अंतिम संस्कार कर सकें। हादसे में ललिता नीलम और राकेश अरोड़ा भी लापता हैं। चौथे मृतक दिलीप सिंह की पहचान हो गई है पर शव अभी तक परिवार को नहीं सौंपा गया है।

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    आठ दिनों बाद भी डीएनए रिपोर्ट नहीं आई।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में रिठाला अग्निकांड को बृहस्पतिवार को नौ दिन हो गए। इस आग में जान गंवाने वाले चार में से तीन शवों की अभी तक शिनाख्त नहीं हुई है। अधिक झुलसने के कारण पुलिस ने इन शवों की पहचान के लिए घटना के एक दिन बाद डीएनए सैंपल लिए थे।

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    पुलिस सूत्रों की माने तो जो भी सैंपल एफएसएल में दिए गए हैं, वह पर्याप्त नहीं है। अभी सैंपल के और नमूने मांगे गए हैं, ताकि शवों की शिनाख्त ठीक से हो सके। रिपोर्ट आने में अभी दो से तीन दिनों का समय और लग सकता है। इस हादसे में जान गंवाने वाले मृतक के स्वजन भी शवों के इंतजार में हैं, ताकि वे अपनों का अंतिम संस्कार कर सकें।

    10 साल का सुमित अपनी मां के इंतजार में टकटकी लगाए दरवाजे की ओर ही देखता रहता है। उसे उम्मीद है कि उसकी मां एक दिन उसके पास जरूर आएगी। बार-बार वह अपने पिता से पूछता है कि उसकी मम्मी कब आएंगी।

    रिठाला में प्लास्टिक बैग, टिशू पेपर और रूम फ्रेशनर स्प्रे बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने के बाद से सुमित की मां ललिता गायब है। मूलरूप से बिहार के गोपालगंज की रहने वाली ललिता अपने परिवार के साथ राणा प्रताप पार्क रिठाला में रहती थी। उनके परिवार में पति राधा प्रसाद के अलावा तीन बच्चे पूजा, शुभम और सुमित है।

    बताया गया कि ललिता नितिन बंसल की बैग बनाने की फैक्ट्री में काम करती थी। घटना वाले दिन वह 10 बजे फैक्ट्री में काम के लिए निकली थी। उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। वहीं, रिठाला की रहने वाली नीलम भी उसी दिन से गायब है। उसके परिजन भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

    वहीं, ललिता प्लास्टिक बैग बनाने वाली फैक्ट्री में महज छह हजार रुपये महीना पर काम करती थी। इसी फैक्ट्री में काम करने वाली नीलम के अलावा तीसरी मंजिल पर रूम फ्रेशनर की फैक्ट्री चलाने वाले राकेश अरोड़ा भी गायब हैं। आग पर काबू पाने के बाद इमारत से चार शव बरामद हुए थे।

    पुलिस ने इनके परिजनों के डीएनए सैंपल भी लिए थे, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। हादसे में चौथे मृतक दिलीप सिंह (62) की पहचान हो गई थी। पुलिस ने उनके शव का पोस्टमार्टम करवा दिया है, लेकिन उनका शव परिवार को नहीं सौंपा गया है।