Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली के इस इलाके में नहीं चल पाई निगम का बुलडोजर एक्शन, लोगों ने किया ऐसा काम कि लौटी पूरी टीम

    By Ashish Gupta Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 04 Jun 2025 11:45 PM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में नगर निगम की टीम को अतिक्रमण हटाने के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। उस्मानपुर में पुलिस की मदद से अवैध पार्किंग हटाई गई जबकि बाबरपुर रोड पर दुकानदारों के दबाव के कारण टीम को बिना कार्रवाई किए लौटना पड़ा। यमुना खादर में अवैध पार्किंग को लेकर कई शिकायतें मिली थीं जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

    Hero Image
    पूर्वी दिल्ली में नगर निगम की टीम को अतिक्रमण हटाने के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। अतिक्रमण हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को बुधवार को विरोध का सामना करना पड़ा। उस्मानपुर चौथा पुश्ता पर विरोध के बीच पुलिस की मदद से अवैध पार्किंग को खाली कराने में सफल रही। लेकिन बाबरपुर रोड पर पुलिस न होने के कारण दुकानदारों ने निगम की टीम पर ही दबाव बनाया। उन्हें बिना कार्रवाई किए ही लौटना पड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपायुक्त के निर्देश पर टीम यहां औचक कार्रवाई करने पहुंची थी। निगम के मुताबिक उस्मानपुर चौथा पुश्ता पर यमुना खादर में अवैध पार्किंग संचालित हो रही थी। इसको लेकर कई शिकायतें मिली थीं। इनका संज्ञान लेते हुए टीम बुधवार सुबह करीब 11 बजे पुलिस के साथ पार्किंग स्थल पर पहुंची। टीम कार्रवाई शुरू कर पाती, इससे पहले ही पार्किंग संचालक ने झगड़ा शुरू कर दिया। वह कोई कार्रवाई नहीं करने दे रहा था।

    पुलिस ने मोर्चा संभाला तो वह उनसे भी बहस करने लगा। फिर पुलिस ने उसे वहां से हटाया, तब नगर निगम की टीम पार्किंग हटाने में सफल हुई। वहां से छह कार और आठ बाइक जब्त की गईं, जबकि 95 कारों के चालान काटे गए। इसके बाद जौहरीपुर एन्क्लेव से अतिक्रमण हटाने के दौरान 20 कारों के चालान किए गए। वेस्ट ज्योति नगर में अस्थाई दुकानों को ध्वस्त कर सामान जब्त किया गया।

    शाम करीब साढ़े चार बजे निगम की टीम प्रशासनिक अधिकारी रमाशंकर के साथ बाबरपुर रोड पर अतिक्रमण हटाने पहुंची। टीम वहां अचानक गई थी, पुलिस साथ नहीं ले गई थी। जैसे ही निगम की टीम ने कार्रवाई शुरू की तो दुकानदार बाहर आ गए। उन्होंने निगम टीम से बहस शुरू कर दी। दुकानदारों का कहना था कि इससे उनका कारोबार प्रभावित होता है। वे इतने हावी हो गए कि निगम की टीम को बिना कार्रवाई किए ही लौटना पड़ा।