दिल्ली में क्लासरूम निर्माण में गड़बड़ी की जांच में ED ने की 37 जगहों पर छापेमारी, फाइलें और 322 बैंक पासबुक बरामद
दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की जांच में ईडी ने 37 जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान 322 बैंक पासबुक दिल्ली सरकार की ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 37 जगहों पर तलाशी ली थी। तलाशी लेने के दो दिन बाद ईडी ने शुक्रवार को बताया कि उसने आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खातों से जुड़ी 322 बैंक पासबुक बरामद की हैं। ईडी ने दिल्ली सरकार से जुड़ी मूल विभागीय फाइलें और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के नाम और पदनाम वाली रबर स्टैम्प भी बरामद की हैं।
एजेंसी ने कहा कि श्रमिकों के नाम पर ये खाते खोले गए थे और वैध लेनदेन की आड़ में सरकारी धन की हेराफेरी की गई। 30 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एसीबी ने शुक्रवार को मामले के सिलसिले में सिसोदिया से पूछताछ भी की।
दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय हेराफेरी से संबंधित
ईडी के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ईडी ने मनीष सिसोदिया (तत्कालीन शिक्षा मंत्री), सत्येंद्र जैन (तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री) और अन्य के खिलाफ एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जो 2015 से 2023 के बीच पीडब्ल्यूडी द्वारा लगभग 12,748 अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय हेराफेरी से संबंधित है।
केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, 2,405 कक्षाओं की प्रारंभिक आवश्यकता के बावजूद, परियोजना का दायरा मनमाने ढंग से 7,180 समकक्ष कक्षाओं तक बढ़ा दिया गया और बाद में बिना उचित मंजूरी या अनुमोदन के 12,748 कमरों तक बढ़ा दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप लागत में भारी वृद्धि हुई।
लागत में 49.03 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई
ईडी प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा, मेसर्स बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट्स द्वारा प्रस्तावित अधिक विस्तृत विनिर्देशों को अनुचित रूप से अपनाया गया और इन कार्यों को बढ़े हुए दामों में अंजाम दिया गया। लागत में 49.03 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई। अपनी तलाशी के दौरान, एजेंसी को एक निजी ठेकेदार के परिसर से पर्याप्त आपत्तिजनक साक्ष्य मिले। प्रवक्ता ने बताया कि जब्त की गई सामग्रियों में दिल्ली सरकार से संबंधित मूल विभागीय फाइलें, साथ ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के नाम और पदनाम वाले रबर स्टैम्प शामिल थे।

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