Delhi News: साढ़े आठ माह में 30 नार्को अपराधियों की 21.5 करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त, क्राइम ब्रांच की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स सिंडिकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 21.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इस साल 30 बड़े ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई की गई है। क्राइम ब्रांच ड्रग्स तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वित्तीय जांच पर जोर दे रही है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत तस्करों की अवैध संपत्ति जब्त की जा रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ड्रग्स सिंडिकेट की रीढ़ तोड़ने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कमर कस ली है। क्राइम ब्रांच ड्रग्स तस्करी को जड़ से खत्म करने, सुरक्षित एवं स्वस्थ समाज सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत बड़े तस्करों के खिलाफ वित्तीय जांच के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया है। इस साल साढ़े आठ माह में क्राइम ब्रांच ने 30 बड़े ड्रग्स तस्करों की 21.5 करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त की है।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच देवेश चंद श्रीवास्तव का कहना है कि मादक पदार्थों की चुनौती केवल ड्रग्स की जब्ती तक ही सीमित नहीं है। तस्करों की असली ताकत इस व्यापार से उत्पन्न भारी मात्रा में अवैध
धन है। इस धन का उपयोग न केवल उनकी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया जाता है, बल्कि वैध व्यवसायों में घुसपैठ करने, अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और कुछ मामलों में, आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए भी किया जाता है। इसलिए ड्रग्स तस्करों के खिलाफ किसी भी सार्थक लड़ाई को पारंपरिक प्रवर्तन से आगे बढ़कर वित्तीय जांच पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित करना होगा।
उनका कहना है कि एनडीपीएस अधिनियम, तस्करी और सेवन के विरुद्ध कड़े कदम उठाने के अलावा, अपराधियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का पता लगाने, उन्हें जब्त करने और जब्त करने के स्पष्ट प्रविधान रखता है।
अधिनियम की धारा 68 विशेष रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मादक पदार्थों के व्यापार से अर्जित संपत्तियों की पहचान करने, उन्हें कुर्क करने और जब्त करने का अधिकार देती है। तस्करों को उनके अवैध लाभ से वंचित करके, हम न केवल व्यक्ति को दंडित करते हैं, बल्कि मादक पदार्थों के नेटवर्क को चलाने वाले बुनियादी ढ़ाचे को भी ध्वस्त करते हैं।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि यदि श्रृंखला की एक कड़ी भी टूट जाती है, तो पूरे सिंडिकेट की वित्तीय जीवनरेखा बाधित हो जाती है।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की भूमिका नोडल एजेंसी होने के नाते, सभी प्रमुख एनडीपीएस मामलों में वित्तीय जांच को एकीकृत करने में सबसे आगे रही है। पहले, हमारा ध्यान मुख्यतः तस्करी की वस्तुओं का पता लगाने, गिरफ्तारी और दोषसिद्धि सुनिश्चित करने पर था।
लेकिन बाद में महसूस किया गया कि वित्तीय माध्यमों को अवरुद्ध किए बिना, तस्कर हमेशा फिर से संगठित होने और अपना काम करने से बाज नहीं आएंगे। इसलिए वित्तीय जांच शुरू की गई। इसके तहत गिरफ्तार प्रत्येक आरोपित की वित्तीय पृष्ठभूमि की पूरी जांच की जाती है। आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति की पहचान की जाती है।
उनके निकट सहयोगियों और परिवार के सदस्यों की भी संभावित ''बेनामी'' संपत्तियों की जांच की जाती है। 2023 में तीन नार्को अपराधियों की लगभग 38 लाख मूल्य की संपत्तियां जब्त की गईं थी। 2024 में 28 नार्को अपराधियों की लगभग पांच करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त की गई।
लेकिन इस साल 15 सितंबर तक ही 30 नार्को अपराधियों की लगभग 21.5 करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त कर ली गई। इसके अलावा 19 नार्को अपराधियों के विरुद्ध वित्तीय जांच चल रही है, जिसमें पांच करोड़ से अधिक मूल्य की संपत्तियां शामिल हैं। पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच लगातार ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।