नई शराब नीति लागू करने से पीछे हटी दिल्ली सरकार, पुरानी आबकारी नीति को मिला मार्च 2026 तक का विस्तार
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को स्थगित करते हुए पुरानी नीति को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला नई नीति को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय के कारण लिया गया है। वर्तमान में दिल्ली में 792 शराब की दुकानें हैं जो सरकारी निगमों द्वारा चलाई जा रही हैं। सरकार का कहना है कि राजस्व पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली। नई आबकारी नीति को लागू करने से दिल्ली सरकार पीछे हट गई है।सरकार ने पुरानी आबकारी नीति को नौ माह के लिए विस्तार दे दिया है, ऐसे में वर्तमान में लागू यह आबकारी नीति 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू रहेगी अौर नई आबकारी नीति एक अप्रैल 2026 से ही लागू हो सकती है।
इतने लंबे समय के लिए नीति को विस्तार क्यों दे दिया है इस पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि कुछ दिन पहले ही सरकार ने दावा किया था कि 30 जून तक नई आबकारी नीति लागू कर दी जाएगी। मगर इससे पहले ही वर्तमान नीति को नौ माह के लिए विस्तार दे दिया है।
वर्तमान आबकारी नीति 30 जून को हो समाप्त रही थी ।पिछली आप सरकार द्वारा विवादित नीति को वापस लिए जाने के बाद इसे लागू किया गया था। जिसमें शराब की बिक्री को पूरी तरह से सरकारी हाथों में दे दिया गया है।नीति को विस्तार दिए जाने के आदेश में नियमों को स्पष्ट किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि हर साल लाइसेंस नवीनीकरण के लिए शर्तें और नियम वर्तमान के अाधार पर लागू रहेंगे। यदि लाइसेंसधारक सर्कुलर जारी होने के 30 दिनों के भीतर नवीनीकरण शुल्क का भुगतान करते हैं तो उन्हें लाइसेंस श्रेणी के अनुसार केवल अपेक्षित लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना होगा।
यदि भुगतान सर्कुलर जारी होने के दिन से 30-60 दिन की अवधि में किया जाता है, तो लाइसेंसधारकों को श्रेणी के अनुसार लाइसेंस शुल्क के साथ वार्षिक लाइसेंस शुल्क का 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा। 60 दिन की अवधि पार करने वाले लाइसेंसधारकों को लाइसेंस शुल्क के साथ वार्षिक लाइसेंस शुल्क का 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
वर्तमान में दिल्ली में 792 शराब की दुकानें हैं दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागगत विकास निगम, दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम तथा दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा संचालित हो रही हैं।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सरकार ने नई नीति बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है और उसे तौर-तरीकों और दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए समय की आवश्यकता है। चूंकि मौजूदा नीति की अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है, इसलिए आबकारी विभाग ने पुरानी आबकारी व्यवस्था को बढ़ाने का फैसला किया है जिसके तहत चार सरकारी निगम दिल्ली में शराब की दुकानें चलाते हैं।उन्होंने बताया कि सरकार ने लाइसेंसिंग वर्ष 2022-23 से प्रभावी आबकारी शुल्क आधारित व्यवस्था को जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
बता दें कि इस नीति को 2023-24 और 2024-25 में जारी रखा गया था और आबकारी वर्ष 2025-26 में 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू कर दिया गया है। यह बात पूछने पर कि नई नीति लागू नहीं हो पाने से सरकार के राजस्व पर क्या असर पड़ सकता है, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि दिल्ली में शराब से राजस्व लगातार बढ़ रहा है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि वर्तमान नीति का समय बढ़ाने के पीछे की रणनीति यह भी है कि आबकारी मामले पर भाजपा सरकार किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती है कि जिससे विपक्ष काे आरोप लगाने का मौका मिल सके।जानकारों की मानें तो जिस आक्रामकता के साथ पिछली आप सरकार आबकारी नीति को लागू कर विवाद में फंस गई थी, इसे देखते हुए भाजपार सरकार फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
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