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    दिल्ली का कचरा मुक्त अभियान नेताओं की सेल्फी तक सीमित, जमीनी हकीकत उजागर

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 04:15 AM (IST)

    दिल्ली में दो महीने तक चले स्वच्छता अभियान के बाद भी कचरे की समस्या जस की तस बनी हुई है। कई इलाकों में कूड़े के ढेर लगे हैं और सार्वजनिक शौचालय अनुपयोगी हैं। हालांकि निगम का दावा है कि कचरा संग्रहण में वृद्धि हुई है लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं दिखा है। नेताओं की सेल्फी तक सीमित रहा दिल्ली को कचरे से मुक्ति अभियान।

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    दिल्ली में दो महीने तक चले स्वच्छता अभियान के बाद भी कचरे की समस्या जस की तस बनी हुई है।

    निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में दो महीने से चल रहा स्वच्छता अभियान गुरुवार को समाप्त हो जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी अभी तक "दिल्ली को कचरे से मुक्ति" हासिल नहीं कर पाई है। "दिल्ली को कचरे से मुक्ति" नाम से शुरू किया गया यह अभियान नेताओं की सेल्फी और साफ़-सुथरे इलाकों में झाड़ू के साथ खिंचवाई गई तस्वीरों तक ही सीमित रह गया है।

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    दिल्ली के ज़्यादातर इलाके पहले की तरह गंदगी से अटे पड़े हैं। इसके अलावा, मवेशी कचरा खाते और गंदगी फैलाते देखे जा सकते हैं। सरकारी दफ्तरों में हालात जस के तस हैं। कई जगहों पर दीवारों पर पेड़ और घास उग आए हैं। पार्क गिरे हुए पत्तों से अटे पड़े हैं। हालांकि अभियान के बाद कुछ इलाकों में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी सागर में एक बूंद के समान है।

    दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और अन्य स्थानीय निकायों के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 1 अगस्त को "दिल्ली को कचरे से मुक्ति" अभियान शुरू किया था। बाद में, इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सेवा पखवाड़ा के अवसर पर 2 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया।

    इस तरह, अभियान शुरू हुए लगभग दो महीने बीत चुके हैं। हालाँकि, पूर्वी दिल्ली से लेकर पुरानी दिल्ली, बाहरी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली तक, हालात जस के तस हैं।

    दरियागंज, चांदनी चौक, बल्लीमारान, मटिया महल, करोल बाग और पहाड़गंज जैसे इलाकों में सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे हैं। पश्चिमी दिल्ली में, पंखा रोड के आसपास स्वच्छता अभियान का कुछ असर दिखा है। यह पहले से ज़्यादा साफ़ हो गया है।

    हालांकि, अन्य इलाकों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। नजफगढ़ मेट्रो स्टेशन, द्वारका मोड़, उत्तम नगर पश्चिम और उत्तम नगर पूर्व में सफाई की स्थिति असंतोषजनक बनी हुई है।

    बाहरी दिल्ली में, रानीबाग मार्केट के पास सड़क और सुल्तानपुरी के ई-6 ब्लॉक स्थित पार्क में कूड़े के ढेर लगे हैं। सुल्तानपुरी ए-बी ब्लॉक के पास कूड़े से निकलने वाली दुर्गंध निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। मंगोलपुरी वाई-ब्लॉक से संजय गांधी अस्पताल जाने वाली सड़क पर पुलिस चौकी के पास कूड़ा बिखरा पड़ा है। दक्षिणी दिल्ली में कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान का मखौल उड़ा रहे हैं।

    अंदरूनी सड़कों, मुख्य मार्गों, बाजारों, ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों और यहां तक ​​कि कॉलोनियों में भी कूड़े के ढेर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। कालकाजी फेज-2 स्थित संजय कॉलोनी की सड़कों पर कूड़ा बिखरा पड़ा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कई दिनों तक कूड़े की सफाई नहीं होती। कूड़े के कारण आवारा गायें और आवारा कुत्ते भी घूमते रहते हैं।

    कालकाजी एक्सटेंशन स्थित डीडीए मार्केट के पास भी गंदगी से दुकानदार, ग्राहक और स्थानीय निवासी परेशान हैं। वैशाली अपार्टमेंट के पीछे कूड़े का ढेर लगा है, जिससे निवासियों को गंदगी, मच्छरों और दुर्गंध से जूझना पड़ रहा है। शेख सराय, तेखंड, तुगलकाबाद, ओखला फेज-2 और फेज-3, हरकेश नगर, श्रीनिवासपुरी, ओखला मंडी और शाहीन बाग समेत कई इलाकों में भी यही हालात हैं।

    पूर्वी दिल्ली में कल्याणपुरी ब्लॉक-19 के पास भी कूड़े के ढेर लगे हैं। जोशी कॉलोनी कम्युनिटी हॉल, आईपी एक्सटेंशन ईस्ट गुरु अंगद नगर, लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, भजनपुरा और ब्रह्मपुरी सहित कई इलाकों में सफाई व्यवस्था अपर्याप्त बनी हुई है।

    हालांकि स्वच्छता अभियान का ज़मीनी स्तर पर ज़्यादा असर नहीं दिख रहा है, लेकिन निगम का दावा है कि पहले की तुलना में ज़्यादा कचरा एकत्र किया जा रहा है। निगम द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, पहले कचरा संग्रहण 11,300 टन प्रतिदिन होता था। अब यह 13,000 टन प्रतिदिन हो गया है।

    स्वच्छता अभियान के दौरान ये हुआ

    • सफाई अभियान के दौरान 917 कार्यालयों से 11,592 किलोग्राम कचरा हटाया गया।
    • 41,120 दीवारों और सार्वजनिक स्थानों से पोस्टर और बैनर हटाए गए।
    • 185 दीवारों का सौंदर्यीकरण किया गया।
    • 312 बाज़ारों में रात्रिकालीन सफाई अभियान चलाया गया।
    • 1,322 सार्वजनिक शौचालयों की सफाई की गई।
    • अगस्त 2025 में प्रतिदिन 12,512 टन कचरा एकत्र किया गया।
    • सितंबर 2025 में प्रतिदिन 13,185 टन कचरा एकत्र किया गया।
    • 702 पार्कों की सफाई की गई।
    • झुग्गी-झोपड़ियों में 345 स्वच्छता अभियान चलाए गए।
    • दिल्ली के सार्वजनिक शौचालय अभी भी अनुपयोगी हैं।

    गंदगी केवल कूड़े के ढेर तक ही सीमित नहीं

    सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की स्थिति दयनीय है। स्थिति यह है कि दिल्ली के सार्वजनिक शौचालय अभी भी अनुपयोगी हैं। कुछ जगहों पर मूत्रालय टूटे हुए हैं, तो कुछ जगहों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं है। कुछ इलाकों में तो फ्लश करने के लिए पानी की आपूर्ति भी नहीं है।

    पार्कों और आवासीय क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर में सुधार हुआ है। स्वच्छता एक सतत प्रयास है, जिसमें नागरिक और नगर निगम मिलकर काम करते हैं। कई इलाकों में स्थिति में सुधार हुआ है, और जहां सुधार नहीं हुआ है, वहां हम काम करना जारी रखेंगे। हमने स्वच्छता अभियान के तहत कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें दो बायो-सीएनजी संयंत्र भी शामिल हैं। - संदीप कपूर, अध्यक्ष, पर्यावरण सेवा प्रबंधन समिति, एमसीडी