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    डिजिटल शिक्षा के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च करेगी रेखा सरकार, कैबिनेट ने 2030 तक योजना पूरी करने पर लगाई मुहर

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 09:08 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने एनईपी-2020 के तहत डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 900 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत 2029-30 तक 21412 स्मार्ट कक्षाएं बनेंगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह पहल सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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    दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में शिक्षा परियोजना पर लिया फैसला।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 900 करोड़ से वर्ष 2030 तक नौवीं से 12वीं तक के लिए 21,412 स्मार्ट कक्षाएं तैयार की जाएंगी।

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राशि को स्वीकृत किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें दिल्ली के हर छात्र को विश्वस्तरीय, समान और डिजिटल रूप से सशक्त शिक्षा उपलब्ध कराना लक्ष्य है।

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    दिल्ली के 75 सीएम श्री स्कूलों से होगी शुरुआत

    शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि योजना की शुरुआत 75 सीएम श्री स्कूलों में 2,446 स्मार्ट ब्लैकबोर्ड लगाने से होगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा, पांच चरणों में 18,966 अतिरिक्त स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जाएंगे।

    सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास 37,778 कक्षाएं हैं, लेकिन 2014 से 2024 के बीच सिर्फ 799 कक्षाओं में ही स्मार्ट ब्लैकबोर्ड लगाए गए, वो भी सीएसएआर फंड से, न कि सरकारी फंड से।

    उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कुछ पाॅश इलाकों में इमारतें बनाकर शिक्षा क्रांति के दावे किए, जबकि हम असली क्रांति नजफगढ़, नरेला, सीमापुरी, महावीर एन्क्लेव और किराड़ी जैसे इलाकों में ला रहे हैं।

    शिक्षकों के लिए तैयार किया जाएगा विशेष माॅड्यूल

    उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सिर्फ डिजिटल उपकरण नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण माड्यूल भी तैयार किया जाएगा ताकि स्मार्ट कक्षाओं का प्रभावी उपयोग हो सके। यह पहल अनुभवात्मक, व्यक्तिगत और कौशल आधारित शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम है।

    सूद ने विपक्ष द्वारा शिक्षा बजट में कटौती के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमने बजट नहीं काटा, बल्कि उसे प्राथमिकता दी। जहां कुछ लोग फोटो खिंचवाने में व्यस्त थे, हम कक्षाओं और शिक्षकों पर निवेश कर रहे थे।