Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में बसों की भारी कमी क्यों? जानिए यात्रियों को हो रही परेशानी की वजह

    दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा रही है क्योंकि डीटीसी और क्लस्टर बसों की संख्या में भारी कमी आई है। पुरानी बसों को हटाने के बाद नई बसें नहीं आ रही हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। जुलाई में सबसे ज़्यादा बसें हटाई गईं जिससे सड़कों पर बसों की कमी हो गई है। सरकार इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।

    By V K Shukla Edited By: Rajesh Kumar Updated: Tue, 26 Aug 2025 11:09 PM (IST)
    Hero Image
    दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा रही है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को लेकर भाजपा सरकार पर चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। क्योंकि डीटीसी और क्लस्टर बसों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। पिछले महीने 500 से अधिक बसें सड़क से हटाई गई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फरवरी में दिल्ली में भाजपा सरकार आने के बाद से अब तक 1200 से अधिक पुरानी बसें हटाई जा चुकी हैं। हटाई जा रही पुरानी बसों की तुलना में नई बसें नहीं आ रही हैं, जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं, एक साल पहले तक दिल्ली में 7300 से अधिक बसें थीं। अब यह संख्या घटकर 5300 के आसपास रह गई है।

    यानी एक साल में 2000 से अधिक बसें हटाई जा चुकी हैं। दिल्ली भर में बसों की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बसों की कमी के कारण लोग ऑटो और टैक्सी आदि में महंगा किराया खर्च कर अपने गंतव्य तक पहुंचने को मजबूर हैं।

    पिछले महीने अब तक किसी भी महीने में सबसे अधिक बसें सड़कों से हटाई गई हैं। जुलाई में DIMTS के तहत चलने वाली 533 क्लस्टर बसों को सड़कों से हटा दिया गया था क्योंकि इन बसों का टेंडर आगे नहीं बढ़ाया जा सका था। ये बसें दो कंपनियों की थीं। DTC की 452 बसें भी उम्र पूरी हो जाने के कारण जुलाई महीने में ही हटा दी गईं। जुलाई में 985 बसें सड़कों से हटाई गईं।

    इनके हटने के बाद दिल्ली सरकार के पास कुल 5300 बसें बची हैं। इनमें से 2400 बसें DIMTS की और 2900 बसें DTC की बची हैं। ऐसे में दिल्ली की सड़कों से इन बसों के हटने का सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है। दिल्ली में पहले से ही बसों की भारी कमी है।

    रोज़ाना लगभग 40 लाख लोग बसों से सफ़र करते हैं। जानकारों का कहना है कि इन बसों के हटने से बस अड्डों पर भीड़ और इंतज़ार दोनों बढ़ गए हैं। दिल्ली में लगभग 11,000 बसों की ज़रूरत बताई जा रही है।

    यह वह समय है जब दिल्ली सरकार के विकास कार्यों और जनता को सुविधाएँ देने में कोई बाधा नहीं है। केंद्र और दिल्ली में एक ही पार्टी की सरकार होने के कारण जनता को काम में तेज़ी की उम्मीद है। लेकिन डीटीसी, परिवहन विभाग और दिल्ली के परिवहन मंत्रालय की गंभीरता बसें उपलब्ध कराने के मामले में नहीं दिख रही है, जो जनता के लिए सबसे ज़रूरी काम है।

    क्योंकि सड़कों से पुरानी बसों को हटाने का पूरा शेड्यूल है। किस महीने में कितनी डीटीसी बसें सड़कों से हटाई जाएँगी, यह भी पहले से तय है। लेकिन बसों की कमी को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ

    दिल्ली में सिर्फ़ दो तरह की बसें ही कामयाब हो सकती हैं, ये हैं बड़ी बसें जो लंबी दूरी तक चलती हैं और छोटी बसें जो संकरी सड़कों पर चल सकती हैं। इनमें से देवी बस जैसी बसों के कामयाब होने की प्रबल संभावना है। सरकार को इस पर काम करना चाहिए, लेकिन देखा जा रहा है कि दिल्ली के हालात ऐसे हैं कि दिल्ली में तेज़ गति से बसें उपलब्ध कराने की ज़रूरत है। सार्वजनिक बस सेवा का अपना महत्व है। ज़रूरी है कि लोगों को पूरी सार्वजनिक परिवहन सुविधा मिले। खासकर ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने की ज़रूरत है, जहाँ लोग मेट्रो तक पहुँचने के लिए ऑटो आदि में महंगा किराया देने को मजबूर हैं।

    -प्रोफेसर सेवाराम, परिवहन योजना विभाग, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय

    साल के अंत तक लगभग 6,000 इलेक्ट्रिक बसें - डॉ. पंकज सिंह

    जब मैंने परिवहन विभाग का कार्यभार संभाला था, तब दिल्ली में लगभग 400 इलेक्ट्रिक बसें थीं। आज इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 3,400 से ज़्यादा है और इस साल के अंत तक दिल्ली की सड़कों पर लगभग 6,000 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नज़र आएंगी।

    हमारी सरकार का मिशन बिल्कुल स्पष्ट है, हम चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत करेंगे। इसके साथ ही, हम इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का विस्तार करेंगे और राजधानी दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने वाला एक आदर्श शहर बनाएंगे।

    -डॉ. पंकज सिंह, परिवहन मंत्री, दिल्ली सरकार

    जनवरी 2025 से 25 अप्रैल तक हटाई गई बसें

    माह हटाई गई बसें
    जनवरी 57
    फरवरी 337
    मार्च 345
    अप्रैल 111
    मई 232
    जून 96
    जुलाई 452
    कुल 1741

    सितंबर से मार्च 2026 तक इतनी बसें हटाई जाएंगी

    माह हटाई गई बसें
    सितंबर 462
    अक्टूबर 84
    15 नवंबर (डेटा अनुपलब्ध)
    दिसंबर 99
    जनवरी 57
    फरवरी 20
    मार्च 2
    कुल 739