Delhi: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर निगम की जांच में बड़ा खुलासा, अब डिप्टी कमिश्नर ने दिए सख्त निर्देश
पूर्वी दिल्ली में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में देरी का कारण अस्पतालों द्वारा विवरण देरी से दर्ज करना है। 25 प्रतिशत मामले इसी वजह से लंबित हैं। निगम ने अस्पताल संचालकों को समय पर जानकारी दर्ज करने का निर्देश दिया है। IMA ने पोर्टल की धीमी गति की समस्या बताई और अस्पतालों को आधार के अनुसार विवरण भरने के लिए कहा।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में देरी होने से लोग परेशान होते हैं। नगर निगम ने इसकी वजह तलाशी तो सामने आया कि अस्पताल नवजात और मृतकों का विवरण देरी से पोर्टल पर दर्ज करते हैं।
निगम सूत्रों की मानें तो इस तरह के करीब 25 प्रतिशत मामले हैं। सोमवार को निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय में इस समस्या का निदान करने के लिए जन-स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपायुक्त बादल कुमार की अध्यक्षता में अस्पताल संचालकों और आइएमए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि समय से पोर्टल पर विवरण दर्ज करें।
बादल कुमार ने कहा कि कई बार अस्पताल जन्म व मृत्यु का ब्योरा समय पर निगम के पोर्टल पर दर्ज नहीं कराते। यह भी देखा गया है कि जो ब्योरा दिया जाता है, उसमें काफी त्रुटियां रह जाती हैं। जिसके कारण लोगों को अनावश्यक परेशानी होती है। ऐसे में अस्पताल संचालकों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जानकारी समयबद्ध और आधार कार्ड के अनुरूप पोर्टल पर दर्ज करानी चाहिए। ऐसा करने पर लोगों को परेशानी नहीं होगी।
आइएमए पूर्वी दिल्ली ब्रांच से डा. शमा बत्रा ने बताया की निगम का पोर्टल कई बार बहुत धीमा काम करता है, जिसके कारण पंजीकरण समय रहते नहीं कर पाते। उन्होंने बताया की सभी अस्पतालों को एसोसिएशन की तरफ से पत्र जारी किया जाएगा कि नवजात के मामले में उसके स्वजन का विवरण आधार कार्ड के अनुरूप ही देख कर भरें। ऐसे ही मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतक का विवरण आधार कार्ड के अनुरूप भरा जाए। बैठक में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. अजय लेखी भी शामिल हुए।
यह भी पढ़ें- AI से डिजाइन हुआ दुर्गा पूजा पंडाल, देखने को मिलेगा तकनीक और आस्था का अनूठा संगम
निगरानी से समस्या का स्थायी निदान होगा : बादल कुमार
उपायुक्त बादल कुमार ने कहा कि जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को तेज करना है। इस संबंध में अस्पताल संचालकों को निर्देश जारी किए हैं। अब निगरानी रखी जाएगी कि अस्पताल निर्देशों पर अमल कर हे हैं या नहीं। अब जो समय से विवरण दर्ज नहीं करेगा, उस पर प्रविधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अस्पतालों को अपनी व्यवस्था में सुधार करना ही होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।