बीते छह महीने में हो गई थी 17 लोगों की मौत, दिल्ली पुलिस के एक कदम से आई 60 फीसदी की कमी
बवाना औद्योगिक क्षेत्र में सड़क सुरक्षा एक चुनौती थी जहाँ छह महीनों में 17 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो गई थी। यातायात पुलिस ने 30 से अधिक चौराहों पर स्पीड ब्रेकर लगाकर हादसों में 60% तक की कमी की है। जुलाई और अगस्त में हादसों में मरने वालों की संख्या घटकर एक-एक हो गई है। पुलिस अन्य चौराहों पर भी ब्रेकर लगाने की योजना बना रही है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। 14 हजार से ज्यादा फैक्ट्री वाले बवाना औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले 1.5 लाख से ज्यादा लोगों के लिए सड़क सुरक्षा चुनौती बनी हुई थी। बीते एक जनवरी से 30 जून तक इस छह महीने में ही इस क्षेत्र में 17 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो गई थी।
इन हादसों को कम करने के लिए यातायात पुलिस ने अध्ययन के बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए इस क्षेत्र में 30 से अधिक चौराहों व तिराहों पर स्पीड लगाकर 60 फीसदी तक सड़क हादसों को कम करने का काम किया है। स्पीड ब्रेकर लगने के बाद अब एक जुलाई से 31 अगस्त तक इस क्षेत्र में सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हुई है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि बाकी अन्य चौराहों पर भी अध्ययन जारी है, जिसके बाद कई अन्य चौराहों पर भी स्पीड ब्रेकर लगाए जाएंगे। ताकि चौराहों से स्पीड गति से वाहनों को लेकर निकलने वाले चालक गति पर नियंत्रण रख सकें।
उत्तरी रेंज की यातायात पुलिस उपायुक्त संध्या स्वामी ने बताया कि बवाना औद्योगिक क्षेत्र स्थित चौराहों व तिराहों पर वाहनों की रफ्तार कम हो, इसके लिए इन तिराहों व चौराहों से पहले 30 से ज्यादा स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं। अब इन जगहों पर धीमी रफ्तार से वाहन निकल रहे हैं।
बवाना औद्योगिक क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर की कार्रवाई से पहले जहां औसतन हर महीने तीन लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा रहे थे। वहीं, अब जुलाई और अगस्त माह में एक-एक शख्स की जान सड़क हादसे में गई है। इस आंकड़े को भी कम करने में यातायात पुलिस जुटी हुई है।
अमन विहार यातायात सर्कल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि देखा गया है कि अधिकांश जानलेवा सड़क हादसे यहां रात के समय हुए हैं। जिनमें अधिकतर लोग पैदल सड़क पार करने वाले थे। जो आसपास की फैक्ट्रियों में काम करते थे। जांच के दौरान पता चला कि बवाना औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर सड़कें काफी अच्छी हैं, रात के समय इन सुनसान सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार भी पहले काफी तेज रहती थी। जिससे ये हादसे हो रहे थे।
इस हादसे के बाद यातायात पुलिस ने उठाया बड़ा कदम
बीते 14 जून की रात बवाना औद्योगिक क्षेत्र में तेज रफ्तार टेंपो ने चौराहे से गुजर रहे बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दो युवकों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे के बाद उत्तरी रेंज की पुलिस उपायुक्त सांध्या स्वामी ने अमन विहार यातायात इंस्पेक्टर ललन केशरी के सहयोग से इस क्षेत्र में होने वाले हादसों की वजह पता लगाने के लिए अध्ययन किया।
अध्ययन में चला पता, तेज रफ्तार वाहनोें से हो रहे हादसे
बवाना औद्योगिक क्षेत्र में व आसपास की सड़कों पर 150 से ज्यादा चौराहे व तिराहे हैं। सड़कें बहुत अच्छी होने के चलते यहां वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं। अध्ययन में पता चला कि रात के समय सामान फैक्ट्री में छोड़कर लौटने वाले वाहनों की रफ्तार तेज रहती है। अधिकांश सड़क हादसे चौराहों पर ही तेज रफ्तार के चलते हुए हैं। इसलिए यह तय किया गया कि हादसों को कम करने के लिए चौराहों पर रफ्तार कम करनी होगी। डीएसआइआइडीसी अधिकारियों के समक्ष यातायात पुलिस ने यह मुद्दा उठाया। जिसके बाद यहां ब्रेकर लगाने को लेकर सहमति बनी।
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