दिल्ली में इसी महीने शुरू हो सकते हैं 63 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, लोगों को मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए सरकार आयुष्मान भारत योजना और आरोग्य मंदिरों पर ध्यान दे रही है। 2406 करोड़ की लागत से 1139 मंदिर बनने हैं जिसके लिए 964 जगहों की तलाश की गई है। फिलहाल 63 मंदिर बनने की प्रक्रिया में हैं और इस महीने के अंत तक 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू होने की उम्मीद है जिनमें इलाज टीकाकरण और जांच जैसी सुविधाएं होंगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मौजूदा दिल्ली सरकार का मुख्य फोकस आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर विकसित करने पर रहा है, लेकिन अब तक आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू नहीं हो पाए हैं।
इसी महीने 63 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू हो सकते हैं। प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत दिल्ली में 2406 करोड़ की लागत से 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर विकसित किए जाने हैं।
इसके तहत दिल्ली सरकार और नगर निगम की डिस्पेंसरियों और मोहल्ला क्लीनिकों में सुविधाएं बढ़ाकर उन्हें आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तब्दील किया जाना है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने अब तक 964 जगहों की तलाश की है। पिछले महीने 70 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक अभी 63 आयुष्मान आरोग्य मंदिर विकसित करने का काम चल रहा है। चिकित्सा केंद्रों में सुविधाएं विकसित करने में समय लगता है। इस वजह से आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू करने में देरी हो रही थी।
33 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनकर तैयार हो गए हैं। इसमें दिल्ली सरकार और नगर निगम की पुरानी डिस्पेंसरी भी शामिल हैं, जिन्हें आयुष्मान आरोग्य मंदिर के तौर पर विकसित किया गया है। इसके अलावा कुछ मोहल्ला क्लीनिकों को भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तब्दील किया गया है।
बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू हो जाएंगे। बाकी 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिर इस महीने के अंत तक शुरू हो सकते हैं। दिल्ली सरकार की डिस्पेंसरियों में छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज, बच्चों के टीकाकरण के अलावा गर्भवती महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मरीजों के इलाज, बच्चों के टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम चलाने के अलावा लाइफस्टाइल बीमारियों की जांच और जागरूकता कार्यक्रम चलाने का भी प्रावधान है।
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