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    प्रधानमंत्री मोदी के संकेत से मिली ऊर्जा, एनएचएआई यूईआर-दो एक्सटेंशन पर बढ़ाएगा अपना फोकस

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 07:27 PM (IST)

    दिल्ली में अलीपुर से ट्रोनिका सिटी तक बनने वाले यूईआर-2 एक्सटेंशन राजमार्ग के अध्ययन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है। 7500 करोड़ की लागत से बनने वाले इस राजमार्ग से दिल्ली-एनसीआर में वाहनों की आवाजाही आसान होगी। यह राजमार्ग दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे समेत पांच प्रमुख मार्गों को जोड़ेगा और अगले वर्ष अप्रैल तक डीपीआर तैयार होने की उम्मीद है।

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    प्रधानमंत्री के संकेत से मिली ऊर्जा, एनएचएआइ यूईआर-दो एक्सटेंशन पर बढ़ाएगा फोकस

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से उत्तर प्रदेश के ट्रोनिका सिटी को निर्माणाधीन फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले यूईआर-दो एक्सटेंशन राजमार्ग के अध्ययन के लिए जारी निविदा की प्रक्रिया पूरी हो गई है। टेंडर में आवेदन करने वाली कंपनियों की जांच की जा रही है। जल्द ही इस परियोजना के लिए कंपनी के नाम पर मुहर लग सकेगी।

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    इस अध्ययन का उद्देश्य इस प्रस्तावित 65 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर संभावित समस्याओं का अध्ययन कर उनकी रिपोर्ट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपना है। इस साल के अंत तक इस योजना का डीपीआर तैयार हो जाने की उम्मीद है।

    प्रस्तावित राजमार्ग के निर्माण की अनुमानित लागत 7500 करोड़ रुपये है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से दिल्ली एनसीआर की परिवहन व्यवस्था को आसान बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया है इससे माना जा रहा है कि इस योजना में और तेजी आ सकेगी।

    यह मार्ग इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह राजमार्ग एनसीआर के पांच प्रमुख मार्गों दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, डीएनडी-फरीदाबाद हाईवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा।

    इस प्रस्तावित परियाेजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वाहनों की आवाजाही को आसान बनाना है। अध्ययन कार्य आवंटित होने के बाद अगले वर्ष अप्रैल तक इस परियाेजना की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने की उम्मीद है।

    इस अध्ययन में पैदल क्रासिंग की पहचान करना, वाहनों की गति, वाहनों की आवाजाही की समस्याओं, भीड़भाड़ वाले बिंदु और पुलों या अंडरपास के निर्माण द्वारा इन समस्याओं समाधान करने के सुझाव देना होगा। सलाहकार यातायात अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों और सूचनाओं तथा भूमि की उपलब्धता सहित मौजूदा विशेषताओं के अध्ययन के आधार पर संभावित टोल प्लाजा स्थान की पहचान भी करेंगे।

    बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ जून में एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा इस तरह के राजमार्ग की मांग के बाद घोषित यह राजमार्ग दिल्ली के अंदरूनी भागों में वाहनों की बढ़ती आवाजाही को कम करने की योजना का हिस्सा है।

    एक अधिकारी ने बताया कि कि यह राजमार्ग एनसीआर के लोनी, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों को उत्तरी व दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली से जोड़ेगा। इस राजमार्ग के निर्माण से शहर की सड़कों और सराय काले खां खंड व कालिंदी कुंज जैसे प्रमुख स्थानों पर वाहनों की आवाजाही में समस्याएं कम करने में मदद मिलेगी। प्राधिकरण, सुरक्षा की दृष्टि से राजमार्ग पर एक उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा है।

    यह मार्ग इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह राजमार्ग एनसीआर के पांच प्रमुख मार्गों दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, डीएनडी-फरीदाबाद हाईवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। इस प्रस्तावित परियाेजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वाहनों की आवाजाही को आसान बनाना है।

    अध्ययन कार्य आवंटित होने के बाद अगले वर्ष अप्रैल तक इस परियाेजना की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने की उम्मीद है। इस अध्ययन में पैदल क्रासिंग की पहचान करना, वाहनों की गति, वाहनों की आवाजाही की समस्याओं, भीड़भाड़ वाले बिंदु और पुलों या अंडरपास के निर्माण द्वारा इन समस्याओं समाधान करने के सुझाव देना होगा। सलाहकार कंपनी यातायात अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों और सूचनाओं तथा भूमि की उपलब्धता सहित मौजूदा विशेषताओं के अध्ययन के आधार पर संभावित टोल प्लाजा स्थान की पहचान भी करेंगे।

    बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ जून में एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा इस तरह के राजमार्ग की मांग के बाद घोषित यह राजमार्ग दिल्ली के अंदरूनी भागों में वाहनों की बढ़ती आवाजाही को कम करने की योजना का हिस्सा है।

    एक अधिकारी ने बताया कि कि यह राजमार्ग एनसीआर के लोनी, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों को उत्तरी व दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली से जोड़ेगा। इस राजमार्ग के निर्माण से शहर की सड़कों और सराय काले खां खंड व कालिंदी कुंज जैसे प्रमुख स्थानों पर वाहनों की आवाजाही में समस्याएं कम करने में मदद मिलेगी। प्राधिकरण, सुरक्षा की दृष्टि से राजमार्ग पर एक उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा है।

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