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    150 करोड़ के सीएसआर फंड से AIIMS में मरीजों को बेहतर सुविधाएं, बनेंगे वेटिंग हॉल्स और खरीदे जाएंगे मेडिकल उपकरण

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 10:37 PM (IST)

    एम्स ने सीएसआर फंड से 150 करोड़ रुपये जुटाए हैं जिसका उपयोग मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाने में किया जा रहा है। इस फंड से वेटिंग हॉल बनाए जा रहे हैं ताकि मरीजों को बैठने की बेहतर सुविधा मिल सके। हाल ही में एक वेटिंग हॉल का शुभारंभ किया गया है जिसमें 1500 मरीजों के बैठने की जगह है। चिकित्सा उपकरणों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

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    सीएसआर फंड से मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाने में जुटा एम्स।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई बड़े सरकारी अस्पताल भी सीएसआर (काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।

    इसी क्रम में AIIMS ने विगत कुछ समय में एम्स ने सीएसआर फंड से करीब 150 करोड़ फंड जुटाए हैं। ताकि एम्स में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।

    एम्स में सीएसआर से मिले फंड से मरीजों के लिए चिकित्सा उपकरण व इलाज उपलब्ध कराने के साथ-साथ वेटिंग हाल भी बनाए जा रहे हैं। इससे एम्स में मरीजों के बैठने के लिए बेहतर सुविधा हो सकेगी।

    एम्स में हैं वेटिंग हॉल्स की कमी

    मौजूदा समय में अस्पताल में वेटिंग हाल की कमी है। इस वजह से गर्मी में भी मरीज अस्पताल के परिसर में बाहर बैठने को मजबूर होते हैं। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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    हाल ही में एम्स में सीएसआर फंड से मिले तीन करोड़ की लागत तैयार एक वेटिंग हाल का शुभारंभ किया गया है, जिसमें 1500 मरीजों के बैठने की सुविधा है।

    इसके अलावा 29.8 करोड़ की लागत से दो अन्य वेटिंग हाल भी तैयार किए जा रहे हैं। इस तरह तीन वेटिंग हाल के निर्माण में कुल 32.8 करोड़ खर्च होंगे।

    117 करोड़ से खरीदे जाएंगे मेडिकल उपकरण

    दो अन्य अन्य वेटिंग हाल में भी करीब दो हजार मरीजों के बैठने की सुविधा होगी। इन दोनों वेटिंग होल के तैयार से एम्स में मरीजों के लिए वेटिंग हाल की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।

    इसके अलावा एम्स को सीएसआर से मिला फंड का बड़ा हिस्सा (117.12 करोड़) चिकित्सा उपकरण लगाने में खर्च होगा।

    इसके अलावा थैलेसीमिया मरीजों के बोन मैरो प्रत्यारोपण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने दो करो की राशि एम्स को उपलब्ध कराई है। ताकि थैलेसीमिया से पीड़ित गरीब परिवार के बच्चों का निशुल्क इलाज हो सके।