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    'लोगों ने लोटा ही उल्टा रखा था...' दिल्लीवालों के लिए क्या बोल गए BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 11:27 PM (IST)

    दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 1429 कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि रुकी हुई योजनाएं फिर से शुरू हो गई हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली में आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए 1700 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। सरकार टीबी को खत्म करने पर भी जोर दे रही है और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।

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    लोटा सीधा हुआ तो सभी रुकी परियोजनाएं हुईं शुरू: जेपी नड्डा।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 1388 नर्सिंग व 41 सहायक चिकित्सा सहित कुल 1429 कर्मचारी स्थायी तौर पर नियुक्त किए गए हैं। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा बाकायदा आनलाइन परीक्षा लेकर उन नर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। रविवार को विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद कहा कि हम दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने के लिए तैयार थे, लेकिन दिल्ली ने लोटा ही उल्टा रखा था।

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    20 फरवरी को सरकार बदल कर दिल्ली ने लोटा सीधा किया तो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआइएम) सहित सभी रुकी परियोजनाएं शुरू हो गईं।

    आठ माह में योजना पूरा करने की जिम्मेदारी

    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम-एबीएचआइएम के तहत दिल्ली में 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, नौ क्रिटिकल केयर ब्लाक और 11 एकीकृत जन स्वास्थ्य लैब शुरू करने के लिए 1700 करोड का फंड की स्वीकृति दी थी। अगले वर्ष 31 मार्च को यह योजना समाप्त हो जाएगी, लेकिन आम आदमी पार्टी की पिछली दिल्ली सरकार ने योजना लागू नहीं की। अब रेखा गुप्ता सरकार पर आठ माह में योजना पूरा करने की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस योजना के फंड का ठीक से उपयोग करने की सलाह दी।

    उन्होंने सभी सांसाद, मंत्री व विधायकों को दिल्ली में टीबी को खत्म करने का टास्क देते हुए अधिक संक्रमण वाले इलाकों में बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की और कहा कि टीबी को खत्म करना बहुत बड़ी चुनौती। दिल्ली में भी इसे चुनौती के रूप में लें।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 की तुलना में भारत में टीबी के मामले 17.50 प्रतिशत कम हुए हैं। जबकि वैश्विक स्तर पर 8.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। देश में पांच वर्ष तक के बच्चों व नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी क्रमश: 42 प्रतिशत व 40 प्रतिशत कम हुई है। वैश्विक स्तर यह गिरावट क्रमश: 14 प्रतिशत व 11 प्रतिशत है। 15 वर्ष के बाद दिल्ली सरकार के अस्पतालों में स्थायी नर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है।

    दिल्ली में मरीजों का दबाव अधिक होता है, लेकिन पिछली सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति उदासीन रही। उन्होंने दिल्ली में भी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के हाइपरटेंशन व डायबिटीज की स्क्रीनिंग शुरू करने का निर्देश दिया। ताकि हाइपरटेंशन व डायबिटीज के कारण होने वाले हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम हो सके।

    हर माह खुलेंगे 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा कर बदतर स्वास्थ्य सुविधाएं छोड़कर गई है। अस्पताल डाक्टरों, कर्मचारियों व दवाओं की कमी से अस्पताल जूझ रहे थे। दवाओं की खरीद व 22 अस्पतालों के निर्माण में घोटाले हुए। सिर्फ छह अस्पतालों में एमआरआइ, 12 अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा थी। अब ये कमियां दूर की जा रही है। इलाज की कमी से किसी मरीज की जान नहीं जाने दी जाएगी।

    हर माह 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू होंगे: नड्डा

    एबी-पीएमजेवाई योजना से अभी 108 अस्पताल पंजीकृत हैं और अब तक 2258 लोगों का इलाज हो चुका है। 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर तैयार हो गए हैं। जिसमें से 33 आरोग्य मंदिर शुरू हो चुके हैं और 67 आरोग्य मंदिर इस माह शुरू हो जाएंगे। इसके बाद हर माह 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू होंगे और अगले मार्च तक 1139 आरोग्य मंदिर तैयार हो जाएंगे। सभी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र भी खोल दिए गए हैं। साथ ही अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी दूर करने की व्यवस्था कर दी गई है।