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    दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अनूठी पहल, औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण की ऑनलाइन होगी निगरानी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 10:24 PM (IST)

    दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उच्चस्तरीय बैठक की। औद्योगिक इकाइयों की रियल टाइम निगरानी कचरा प्रबंधन धूल नियंत्रण और वृक्षारोपण पर जोर दिया गया। मंत्री ने नागरिकों की भागीदारी और एकीकृत कमांड सेंटर की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।

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    दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उच्चस्तरीय बैठक की।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हर साल मानसून के बाद, खासकर दिवाली के दौरान, दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगती है। सड़कों पर वाहनों की भीड़, धूल के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से राजधानी की हवा जहरीली हो जाती है।

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    प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर निर्माण कार्यों पर रोक समेत कई प्रतिबंध लगाने पड़ते हैं। इस साल स्थिति में सुधार के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए चल रही तैयारियों का जायजा लिया।

    उन्होंने औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण की रियल टाइम निगरानी के लिए ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएमएस) लगाने के निर्देश दिए। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्रों को तीन महीने में रियल टाइम निगरानी की रूपरेखा तैयार करने को कहा है।

    बैठक में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना, कुशल कचरा संग्रहण और निपटान के लिए एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन योजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ पराली जलाने की समस्या के समाधान पर जोर दिया गया।

    विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सड़कों और निर्माण स्थलों पर उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। इसके समाधान के लिए, सड़कों की सफाई के लिए मशीनीकृत रोड स्वीपर के उपयोग और 'एक पेड़ माँ के नाम' के अंतर्गत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाकर शहरी हरियाली बढ़ाने की बात कही गई।

    मंत्री ने वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की निगरानी के लिए एक एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र की आवश्यकता पर बल दिया। दिल्ली सरकार के बजट में, वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण के स्तर की वास्तविक समय निगरानी और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमांड सेंटर स्थापित करने की घोषणा की गई थी।

    मंत्री ने कहा कि प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए उद्योग, नागरिकों और विभिन्न एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए, इससे संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप्स को एकीकृत करने का भी सुझाव दिया गया।

    बैठक में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम के साथ-साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए।