दिल्ली में गरीबों के लिए 10 लाख आवास की जरूरत, पहले चरण में बनेंगे 50 हजार फ्लैट; CM रेखा गुप्ता का एलान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुल्तानपुरी में डीडीए फ्लैट्स का निरीक्षण किया और जर्जर हालत पर चिंता जताई। उन्होंने झुग्गीवासियों को मकान देने की प्रतिबद्धता दोहराई और दिल्ली को 10 लाख मकानों की आवश्यकता बताई। सरकार पहले चरण में 50 हजार फ्लैट्स के जरिए पुनर्वास की शुरुआत करेगी जिसके लिए केंद्र सरकार ने 732 करोड़ रुपये की धनराशि दी है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार सुबह सुल्तानपुरी स्थित डीडीए (ड्यूसिब) की ओर से बनाए गए फ्लैट्स का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने फ्लैट्स की मौजूदा स्थिति और पुनर्वास की संभावनाओं काे भी परखा। उन्होंने फ्लैट्स के जर्जर हाल पर दुख जाहिर किया और कहा कि तत्कालीन सरकारों की बेपरवाही और बदनीयती के कारण फ्लैट खंडहर में तब्दील हो गए।
मुख्यमंत्री ने झुग्गीवासियों को मकान देने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि दिल्ली को 10 लाख मकान की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार 10 लाख मकानों की आवश्यकता के हिसाब से बनाने की विस्तृत रणनीति पर काम कर रही है। योजना के तहत पहले चरण में 50 हजार फ्लैट्स के जरिए गरीबों के पुनर्वास की शुरुआत होगी।
सुल्तानपुरी सी-ब्लॉक स्थित फ्लैट्स का निरीक्षण किया
मुख्यमंत्री ने सांसद योगेंद्र चांदोलिया व कैबिनेट मंत्री आशीष सूद के साथ सुल्तानपुरी सी-ब्लॉक स्थित फ्लैट्स का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब झुग्गीवालों के लिए वर्ष 2016 में इन फ्लैटों का निर्माण पूरा हो गया था।
इन फ्लैट्स पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों की उदासीनता और नीयत की कमी के कारण ये मकान आज तक उनके असली हकदारों को नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि यही हाल दिल्ली के बाहरी इलाकों में बने 50 हजार फ्लैट्स का है। उनकी हालत अब इतनी खराब हो चुकी है कि उन्हें दोबारा उपयोग के लायक बनाने के लिए करोड़ों रुपये फिर से खर्च करने होंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन फ्लैट्स की मरम्मत संभव है, उन्हें जल्द दुरुस्त किया जाए, और जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें फिर से बनाया जाए।
उन्होंने बताया कि सरकार पहले चरण में 50 हजार फ्लैट्स को चालू करके गरीबों को देने की योजना पर काम कर रही है। इन हजारों मकानों को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 732 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करा दी है। हमारी सरकार की ओर से भविष्य में 10 लाख मकानों की आवश्यकता के आकलन के साथ विस्तृत रणनीति तैयार कर रही है।
आंकड़ों में सुल्तानपुरी की ईडब्ल्यूएस लो-कॉस्ट हाउसिंग परियोजना
- 09 साल पहले सुल्तानपुरी में बनाए गए थे 1060 फ्लैट्स
- 27,720 वर्गमीटर कुल क्षेत्रफल है, प्रत्येक आवास का कार्पेट एरिया 25 वर्गमीटर निर्धारित
- 01 लिविंग रूम, एक-एक बेडरूम, किचन, बाथरूम, शौचालय और बालकनी
- 52.81 करोड़ रुपये परियोजना की स्वीकृत लागत, संशोधित लागत बढ़कर 67.84 करोड़ रुपये हुई
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