दिल्ली में बाल मजदूरी के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन, 18 बच्चों को कराया मुक्त; 6-7 फैक्ट्रियां सील
उत्तरी दिल्ली में जिला प्रशासन और बाल कल्याण विभाग ने फैक्ट्रियों से 18 बच्चों को बचाया जिनसे प्रतिदिन 10-12 घंटे काम करवाया जा रहा था। सरस्वती विहार में कई अवैध फैक्ट्रियां सील की गईं। सहयोग केयर फार यू संस्था ने बच्चों को चिकित्सा सहायता और मानसिक परामर्श दिया। ज्यादातर बच्चे उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं जिन्हें पुनर्वास कार्यक्रमों में शामिल किया गया है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। उत्तरी जिला प्रशासन और बाल कल्याण विभाग की ओर से चलाए गए अभियान के तहत फैक्ट्रियों में काम कर रहे 18 बच्चों को रेस्क्यू किया। इन नौ लड़के और नौ लड़कियाें से 10-12 घंटे काम लिया जा रहा था।
इस एवज में 150–200 रुपये प्रतिदिन की मामूली मजदूरी दी जा रही थी। अभियान के दौरान सरस्वती विहार स्थित 6 से 7 अवैध फैक्ट्रियां सील की गईं। यह अभियान एसडीएम हिमांशु यादव, स्थानीय प्रशासन और बाल कल्याण अधिकारियों के सहयोग से चलाया गया।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर सहयोग केयर फार यू ने अपने "जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन और एक्सेस टू जस्टिस मिशन" के तहत सरस्वती विहार में स्थित फैक्ट्रियों से 18 बच्चों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। बचाए गए बच्चों को तुरंत चिकित्सा सहायता और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया गया।
साथ ही, बच्चों और उनके परिवारों को काउंसलिंग और मानसिक सहायता भी प्रदान की गई ताकि वे सामान्य जीवन की ओर पुनर्वास की दिशा में आगे बढ़ सकें। ज्यादातर बच्चे पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं।
संस्था के संस्थापक और निदेशक शेखर महाजन ने कहा कि पिछले एक वर्ष में, संस्था ने देशभर में 1500 से अधिक बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया है। इन सभी बच्चों को अब पुनर्वास कार्यक्रमों में शामिल किया गया है, जिससे वे फिर से शिक्षा, सम्मान और बचपन की सामान्य जिंदगी जी सकें।
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