दिल्ली में इस मार्ग पर लगाई जाएगी 12 हजार फूलदार पेड़ और झाड़ियां, सरकार ने लिया बड़ा फैसला
दिल्ली के वन विभाग सरदार पटेल मार्ग पर हरियाली बढ़ाने के लिए 12000 फूलदार पौधे लगाएगा। इस योजना में अमलतास क्वीन क्रेप मर्टल गुलाबी तुरही के पेड़ और बोगनविलिया झाड़ियाँ शामिल हैं। मानसून की शुरुआत में यह पहल शुरू होगी जिसमें 10-12 फीट के पूर्ण विकसित पौधे लगाए जाएंगे। लक्ष्य देशी फूलों से क्षेत्र को सुंदर बनाना है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली वन एवं वन्यजीव विभाग सरदार पटेल मार्ग पर हरियाली बढ़ाने के लिए एक बड़ा पौधारोपण अभियान शुरू करने जा रहा है। इसका लक्ष्य 12,000 से अधिक फूलदार पेड़ और झाड़ियां लगाना है।
सोमवार को जारी निविदा के अनुसार, इस योजना में 1,200 अमलतास, 1,200 लैगरस्ट्रोमिया स्पेशिओसा (क्वीन क्रेप मर्टल), 1,200 टैबेबुइया रोजिया (गुलाबी तुरही का पेड़) और 8,400 बोगनविलिया झाड़ियां लगाना शामिल है। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि दो जून है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहल मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होने की संभावना है, जिसमें 10 से 12 फीट की ऊंचाई वाले पूर्ण विकसित पौधों का उपयोग किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, "हमारा लक्ष्य देशी फूलों की प्रजातियों के साथ इस क्षेत्र के दृश्य आकर्षण को बढ़ाना है।" उन्होंने कहा कि चिनार और चेरी ब्लासम जैसी गैर-देशी किस्मों का उपयोग करने के पिछले प्रयास विफल रहे थे, क्योंकि वे दिल्ली की मौसम स्थितियों में टिक नहीं पाए।
मालूम हो कि एलजी वी के सक्सेना के निर्देश के बाद जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले जून 2023 में इस हिस्से को सुंदर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। एलजी ने रिज के किनारे छह फूलों वाली प्रजातियों के पांच स्तरीय पौधे लगाने का निर्देश दिया था।
खासतौर पर सरदार पटेल मार्ग की तरफ, जो मध्य दिल्ली और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच आने-जाने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए मुख्य मार्ग का हिस्सा था।
वन अधिकारियों ने कहा कि उस अभियान के दौरान लगाए गए चिनार या चेरी ब्लासम के कोई भी पेड़ जीवित नहीं बचे हैं। उस समय इस्तेमाल की गई अन्य प्रजातियों में अमलतास, जकरांडा और गुलमोहर शामिल थे। अधिकारी ने कहा कि हालांकि नए लगाए गए पेड़ों के इस साल फूल आने की उम्मीद नहीं है, लेकिन कुछ अगले साल तक खिल सकते हैं।
दिल्ली का रिज क्षेत्र, जिसे आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित किया गया है, लगभग 7,784 हेक्टेयर में फैला हुआ है। दक्षिणी रिज सबसे बड़ा है, जो 6,200 हेक्टेयर में फैला है, इसके बाद सेंट्रल रिज (864 हेक्टेयर), महरौली में दक्षिण-मध्य रिज (626 हेक्टेयर) और उत्तरी रिज (87 हेक्टेयर) हैं। नानकपुरा दक्षिण-मध्य रिज अतिरिक्त सात हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
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