सफदरजंग में कैंसर मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज, अब सीटी सिम्युलेटर से होगी रेडिएशन की प्लानिंग
सफदरजंग अस्पताल में कैंसर मरीजों के इलाज के लिए सीटी सिम्युलेटर और एक्सरे सिम्युलेटर मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों के लगने से रेडिएशन थेरेपी की प्लानिंग बेहतर तरीके से हो सकेगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा। अस्पताल में दो लीनियर एक्सीलेटर मशीनें लगाने की प्रक्रिया भी चल रही है जिससे कैंसर के इलाज में और सुधार होगा।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इससे डॉक्टरों का काम आसान होने के साथ-साथ इलाज का परिणाम बेहतर हुआ है।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग अस्पताल में अभी कैंसर मरीजों को रेडिएशन थेरेपी देने के लिए डॉक्टर मैनुअल तरीके से ही इलाज की प्लानिंग करते रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए अब सफदरजंग अस्पताल में एक सीटी सिम्युलेटर व एक एक्सरे सिम्युलेटर मशीन लग गई है।
इसलिए बहुत जल्दी ही इस अस्पताल में भी डॉक्टर एक्सरे व सीटी सिम्युलेटर मशीन की मदद से कैंसर मरीजों को रेडिएशन थेरेपी देने की प्लानिंग कर सकेंगे। इससे कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाएगा। साथ ही रेडिएशन के दुष्प्रभाव की आंशका कम होगी, लेकिन इस अस्पताल में अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन के लिए अभी मरीजों को उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
अस्पताल में रेडियोथेरेपी की दो अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है। एक हाई एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया काफी पहले पूरी हो चुकी है। इसलिए पिछले वर्ष अप्रैल में बंकर बनाने का काम भी शुरू हो गया था।
अभी बंकर बनाने का काम करीब 70 प्रतिशत पूरा हो पाया है। यह बंकर तैयार होने पर हाई एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर अस्पताल में आएगी। अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि करीब छह माह में यह मशीन अस्पताल में लग जाएगी।
इसके अलावा एक अन्य लो एनर्जी एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इसका टेंडर भी जल्द आवंटित हो जाएगा। लीनियर एक्सीलेटर मशीनें लगाने की योजना के अंतर्गत ही अस्पताल में एक सीटी सिम्युलेटर व एक्सरे सिम्युलेटर लगाने का काम पूरा हो गया है। पहले अस्पताल में ये मशीनें उपलब्ध नहीं थीं।
मौजूदा समय में अस्पताल में एक कोबाल्ट मशीन है। इससे अस्पताल में पहुंचने वाले कैंसर मरीजों की रेडिएशन थेरेपी दी जाती है। मरीज के शरीर में मौजूद कैंसर युक्त ट्यूमर पर रेडिएशन की कितनी डोज, किस दिशा से और किस तरह की बीम इस्तेमाल होगी यह डाक्टर मैनुअल तरीके से निर्धारित करते हैं।
अब सीटी सिम्युलेटर व एक्सरे सिम्युलेटर लगने के बाद अस्पताल ने इसका संचालन शुरू करने के लिए परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) से स्वीकृति मांगी है। अस्पताल के डॉक्टरों को उम्मीद है कि एक्सरे सिम्युलेटर का इस्तेमाल शुरू करने के लिए एक सप्ताह में व सीटी सिम्युलेटर का इस्तेमाल शुरू करने के लिए करीब एक माह में एईआरबी से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
इनका इस्तेमाल शुरू होने पर इन मशीनों के माध्यम से इलाज की प्लानिंग हो सकेगी। एक वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ ने बताया कि एक्सरे सिम्युलेटर में 2डी व सीटी सिम्युलेटर 3डी तकनीक इस्तेमाल होती है। इसलिए सीटी सिम्युलेटर अधिक अत्याधुनिक तकनीक है।
इससे मरीज के शरीर के प्रभावित हिस्से की इमेज लेकर ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम साफ्टवेयर में भेजा जाता है। इसके मध्यम से रेडिएशन की कितनी डोज तह होती है। साथ ही भी तय किया जाता है कि किस तरह का रेडिशन बीम, किस दिशा दिया जाए।
इससे ट्यूमर प्रभावित हिस्से पर सटीक रेडिएशन थेरेपी देना संभव हो पाता है। इससे रेडिएशन का दुष्प्रभाव कम होता है। जबकि मैनुअल तरीके इलाज की प्लानिंग करने में रेडिएशन का दुष्प्रभाव अधिक होने की आशंका रहती है।
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