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    नेपाल में जारी हिंसा का भारत के कई सेक्टरों पर गहरा असर, विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को को दी ये सलाह

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 07:43 PM (IST)

    नेपाल में प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार के खिलाफ जारी हिंसा का असर भारत के पर्यटन और व्यापार पर पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी है और काठमांडू हवाई अड्डा बंद है। ट्रांसपोर्टरों ने भी व्यावसायिक वाहनों को नेपाल न जाने की सलाह दी है। दिल्ली में रह रहे नेपाली छात्र और समाज भी देश के हालातों से चिंतित हैं।

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    विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी है। फाइल फोटो

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार के खिलाफ जारी हिंसा का असर पर्यटन और व्यापार पर पड़ा है। काठमांडू एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जारी हिंसा को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर भारतीयों को नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है।

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    इस बीच, काठमांडू हवाई अड्डा भी बंद कर दिया गया है। जिसके चलते पर्यटकों की बुकिंग रद्द हो रही हैं। वहीं, ट्रांसपोर्टरों के संगठनों ने भी एक एडवाइजरी जारी कर व्यावसायिक वाहनों को नेपाल न जाने की सलाह दी है। टूर ऑपरेटरों के अनुसार, भारतीय पर्यटक समूहों की यात्राएँ स्थगित कर दी गई हैं। नई बुकिंग रोक दी गई हैं। सबसे बड़ी चिंता वहाँ फंसे भारतीय पर्यटकों को निकालने को लेकर है।

    इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव मेहरा के अनुसार, पर्यटन के लिहाज से पड़ोसी देश में स्थिति बेहद चिंताजनक है।

    इसलिए, नई बुकिंग पर रोक लगाने के साथ-साथ पहले से की गई बुकिंग को स्थगित करके दूसरे देशों का विकल्प दिया जा रहा है। उनके अनुसार, नेपाल सर्दियों के मौसम में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जिसके लिए अभी से बुकिंग हो रही हैं। जारी हिंसा का इस पर असर पड़ा है।

    द इंडिजिनस फेडरेशन ऑफ टूरिज्म इंटीग्रिटी (TIFTI) के संस्थापक शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार, दिल्ली में दो बुकिंग रद्द हुई हैं, जिनमें लगभग 15 भारतीय पर्यटक थे। हिंसा का असर दिल्ली-काठमांडू बस सेवा पर भी पड़ा है।

    रोज़ाना चलने वाली 20 बसों में से बमुश्किल आधी ही चल रही हैं। जिनमें दिल्ली पंजीकरण संख्या वाली बसें पूरी तरह से बंद हैं। दिल्ली अंतरराज्यीय बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन (DIBOS) के महासचिव श्याम लाल गोला के अनुसार, नेपाल जाने वाली दिल्ली नंबर वाली निजी यात्री बसों को भारतीय सीमा पर ही रोका जा रहा है।

    नेपाली बस मालिक तिलक राज के अनुसार, उनके देश में दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है। जिसके मद्देनजर कई लोग अपने वतन लौट जाते हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम के कारण बसों और यात्रियों की संख्या में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। डीटीसी बसें चल रही हैं, लेकिन उनमें भी बुकिंग केवल 20 प्रतिशत ही है।

    इस बीच, ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (AIMGTA) ने ट्रांसपोर्टरों को एडवाइजरी जारी कर नेपाल में ट्रक भेजने से बचने की सलाह दी है। AIMGTA के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि भारत से हजारों ट्रक नेपाल जाते हैं।

    मौजूदा हिंसा में ट्रकों, ड्राइवरों और सामान की सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता है। इसलिए कुछ दिनों के लिए नेपाल जाने से बचने की सलाह दी गई है।

    दिल्ली में रह रहे नेपाली छात्र, समाज चिंतित

    इस बीच, दिल्ली में रोजी-रोटी और शिक्षा के लिए रह रहे नेपाली समाज के लोग देश के घटनाक्रम से काफी चिंतित हैं और सरकार की नीतियों को भ्रष्ट बता रहे हैं। जेएनयू में नेपाली छात्र संघ के पदाधिकारी हर्षित के अनुसार, वे वहां के हालात को लेकर काफी चिंतित हैं।

    परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं। डीयू के नेपाली छात्र प्रशांत रावत ने कहा कि गोलीबारी में युवक की मौत ने सभी को दहशत में डाल दिया है। उन्हें परिवार की सुरक्षा की चिंता है। सरकार को पहले स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अन्य प्रयास करने चाहिए थे।

    वहीं, एवरेस्ट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष युवराज बराल का कहना है कि यह सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन है। जिससे उनके देश के लिए सुधार का रास्ता निकलेगा।