Mumbai Blast-2006: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट पर न रिपोर्ट बनाई और न ही गृह मंत्रालय को भेजी : खुफिया एजेंसी
Mumbai Blast-2006 11 जुलाई 2006 को श्रृंखलाबद्ध तरीके से मुंबई में ब्लास्ट हुआ था। मुंबई की पश्चिमी लाइन की लोकल ट्रेनों में हुए सात बम धमाकों में 189 लोग मारे गए थे और 829 घायल हुए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Mumbai Blast-2006: खुफिया एजेंसी ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि मुंबई ब्लास्ट-2006 पर न तो उसने कोई रिपोर्ट बनाई और न ही गृह मंत्रालय को सौंपी है। जनवरी में अदालत ने अभियुक्त एहतेशाम कुतुबुददीन सिद्दीकी की याचिका पर एजेंसी को निर्देश दिया था कि वह हलफनामा दायर करके बताएं कि क्या उसने मुंबई ब्लास्ट होने के बाद या वर्ष 2009 में कोई रिपोर्ट बनाई थी। अदालत ने यह निर्देश तब दिए थे, जब सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में दायर याचिका पर आइबी ने कहा था कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध कराने से छूट है।
केंद्र सरकार के अधिवक्ता राहुल शर्मा ने हलफनामा दायर कर यह जानकारी न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ को दी। वहीं खुफिया एजेंसी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता सीके भट्ट ने कहा कि मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस के एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड द्वारा की गई थी। एजेंसी ने अपने हलफनामा में कहा कि सिद्दीकी का दावा एक खबर के आधार पर है, जिसे प्रमाणित नहीं माना जा सकता है।
अदालत ने इससे पहले केंद्रीय सूचना आयोग को सिद्दीकी द्वारा मांगी गई जानकारी पर विचार करने को कहा था। इस पर सीआइसी ने आइबी से जवाब मांगा था। आइबी ने सीआइसी को बताया था कि इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं है। आइबी के बयान पर सीआइसी ने सिद्दीकी के आवेदन को 11 जून 2019 को रद कर दिया था।
सीआइसी के फैसले को अधिवक्ता अर्पित भार्गव के माध्यम से सिद्दीकी ने चुनौती दी थी। सिद्दीकी ने कहा था कि सीआइसी ने यह फैसला सिर्फ आइबी द्वारा दिए गए बयान पर आंख बंद करके कर लिया है कि वर्ष 2009 में मुंबई ब्लास्ट पर कोई रिपोर्ट नहीं तैयार की गई है।
बता दें कि 11 जुलाई 2006 को श्रृंखलाबद्ध तरीके से मुंबई में ब्लास्ट हुआ था। मुंबई की पश्चिमी लाइन की लोकल ट्रेनों में हुए सात बम धमाकों में 189 लोग मारे गए थे और 829 घायल हुए थे। इस मामले में कई को सजा भी हो चुकी है।