Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NEET-UG Row: जंतर-मंतर पर छात्रों का प्रदर्शन, NTA पर तत्काल कार्रवाई की मांग: AISA ने जारी किया खुला पत्र

    Updated: Sun, 07 Jul 2024 05:59 PM (IST)

    छात्र संगठन आइसा के सदस्यों ने रविवार को नीट पेपर लीक मामले को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने एनटीए की खामियों की वजह से पीड़ित लाखों छात्रों के लिए न्याय की मांग की। छात्रों ने अपील की कि सुप्रीम कोर्ट एनटीए के संपूर्ण संरचनात्मक भ्रष्टाचार और परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता के लिए नीट 2024 की दोबारा परीक्षा कराए।

    Hero Image
    नीट यूजी के खिलाफ छात्र संगठनों का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नीट को लेकर सुनवाई से पहले रविवार को छात्रों ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के लिए खुला पत्र भी जारी किया। इस मौके पर उन्हाेंने सार्वजनिक बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छात्रों ने एनटीए की खामियों की वजह से पीड़ित लाखों छात्रों के लिए न्याय की मांग की। छात्रों ने अपील की कि सुप्रीम कोर्ट एनटीए के संपूर्ण संरचनात्मक भ्रष्टाचार और परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता के लिए नीट 2024 की दोबारा परीक्षा कराए।

    एनटीए और शिक्षा मंत्री ने सारी विश्वसनीयता खो दी: अभिज्ञान

    जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा, "हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट एनटीए की परीक्षण प्रक्रिया की आपराधिक संरचना को ध्यान में रखेगा और शिक्षा मंत्री से वास्तविक जिम्मेदारी की मांग करेगा।" आइसा दिल्ली के अध्यक्ष अभिज्ञान ने कहा, "एनटीए और शिक्षा मंत्री ने सारी विश्वसनीयता खो दी है। गड़बड़ी का नेटवर्क शीर्ष पर शुरू होता है और इसे इस तरह से पहचाना जाना चाहिए। एनटीए के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

    उन्होंने कहा कि कोर्ट उन सभी पर कार्रवाई करे, जिन्होंने लाखों छात्रों के भविष्य को खतरे में डाला है। आइसा ने खुला पत्र जारी करते हुए एनटीए को खत्म करना, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा, नीट का दोबारा आयोजन, परीक्षाओं का केंद्रीकरण खत्म होने की मांग की।

    ये भी पढ़ें- दिल्ली में बिगड़ रही पर्यावरणीय स्थिति, बढ़ रही हरियाली लेकिन नहीं हो रहा वनीकरण